
बारां। शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन को सहयोग और समर्थन प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता रोबिन सिंह 23 से 27 अप्रैल तक बारां प्रवास पर रहेंगे। रोबिन सिंह इस दौरान जिले में आयोजित पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां के आमंत्रण पर बारां जिले में रहेंगे।

ज्ञातव्य है कि संविधान में वर्णित सभी देशवासियों के मूलभूत अधिकारों जल,जंगल, जमीन के लिए पर्यावरण विद रोबिन सिंह विगत कई साल से काम कर रहे हैं। ग्रीन इंडिया मूवमेंट के राष्ट्रीय संयोजक रोबिन सिंह नदियों, झीलों और तालाबों में जल प्रदूषण के लिए पूरे हिंदुस्तान की साइकिल यात्रा कर चुके हैं।
हाल ही चम्बल नदी में बढ़ते जा रहे गंदे पानी की मात्रा और चम्बल को प्रदूषण मुक्त करने के लिए रोबिन सिंह चम्बल नदी की 2000 किमी की पैदल परिक्रमा कर चुके हैं। “नदियां हमारी जीवन रेखा” अभियान के तहत उन्होंने कुम्भ मेले में 40 दिनों तक विभिन्न अखाड़े, मठों, आश्रमों के महंतों,साधु, संत महात्माओं से संपर्क कर गंगा सहित देश भर की नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए 40 दिन तक अपना अभियान चलाया था।
शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति के संरक्षक प्रशांत पाटनी कुन्जेड और बृजेश विजयवर्गीय कोटा ने बताया कि ” ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को मात्र 1800 मेगावाट बिजली परियोजना हेतु 25 लाख से 28 लाख पेड़ों को काटे जाने की अनुमति देना एक विनाशकारी कदम है जिससे पूरे देश वासियों को मिलने वाली शुद्ध ऑक्सीजन के प्रतिशत पर प्रभाव पड़ रहा है।”
समिति के
सदस्य मुकेश सोनी ने बताया कि” केन्द्र सरकार और राजस्थान सरकार द्वारा ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को पम्पड स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए शाहबाद तहसील में 407.8277 हेक्टेयर जमीन कीजमीन आवंटित की है जिसमें लगे 119759 हरे पेड़ काटे जाने की अनुमति केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा दी गई है।यह राजस्थान के कश्मीर शाहबाद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे मानव समुदाय को आहत करने वाली घटना है।”
उन्होंने बताया कि” समिति के आमंत्रण पर बारां आ रहे पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता रॉबिन सिंह जिले भर में आयोजित पैदल मार्च, नुक्कड़ सभा,सेमिनार में सहभागिता के साथ ही मीडिया से भी रूबरू होंगे और सभी को इससे होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी देंगे।”