
बारां। राजस्थान राज्य भारत स्काउट और गाइड संघ कोटा द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय स्काउट गाइडऔर कब्स की जंबूरी में शामिल होने आए विभिन्न स्थानों के छात्र छात्राओं ने शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र में काटे जाने वाले लाखों पेड़ों की कटाई रोकने के विरोध में राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण विदों के साथ साथ अपनी आवाज भी उठाई है।
कोटा दशहरा मैदान में राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड संघ कोटा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय संभाग स्तरीय जंबूरी में शामिल लगभग 400 छात्र छात्राओं ने पर्यावरण विद और शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां के संरक्षक बृजेश विजयवर्गीय समन्वयक चम्बल संसद कोटा और पर्यावरण संरक्षण विद श्री राजेन्द्र कुमार जैन के आव्हान पर कहा कि “शाहबाद जंगल हम सभी की अमानत है जिसमें लाखों पेड़ लगे हुए हैं जिन्हें आज केवल एक निजी बिजली परियोजना हेतु काटा जा रहा है। इन जंगलों से हमे पर्यावरण स्वस्थ रखने हेतु आवश्यक गैस ऑक्सीजन प्राप्त होने के साथ ही संभाग का वर्षा जल प्रतिशत बढ़ी हुई मात्रा में प्राप्त होता है।”
पर्यावरण प्रेमी सदस्यों बृजेश विजयवर्गीय और राजेन्द्र कुमार जैन ने छात्र छात्राओं को पर्यावरणीय प्रभाव और कारण निवारण विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि” सघन घाटियों से हमे अपने जीवन के आवश्यक तत्व मिलते हैं और वहां रह रहे लोगों की आजीविका इसी जंगल पर आधारित है। सहरिया आदिवासी समाज की न जाने कितनी पीढ़ियां इन पेड़ों से प्राप्त कुदरती चीजों को बेचकर अपनी रोजी रोटी कमा रही है यदि इन जंगलों के लिएअभी भी कोई आवश्यक कदम नहीं उठाया गया तो एक दिन ऐसा आयेगा जिसमें आप और हम सभी ताजा है हवा के लिए तरस जाएंगे।”
छात्र छात्राओं ने कहा कि शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन में शामिल होकर हम सभी लोग अलग अलग तरीके से प्रयास करेंगे और योगदान प्रदान करेंगे।स्काउट कमिश्नर यज्ञदत्त हाडा , डॉ अमित सिंह डायरेक्टर ओम कोठरी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कोटा, आईएसटीडी की चेयरपर्सन अनिता चौहान ने बताया कि शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन हेतु समर्थन देने वालों का अभी सिलसिला शुरू हुआ है जिसमें लगातार लोग जुड़ते चले जा रहे हैं।आज 400 छात्र छात्राओं ने शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन को जो सहयोग दिया है वह किसी भी तरह से कम नहीं है।