आंखों देखीः देखन में छोटे लगत घाव करैं गंभीर

-देवेन्द्र कुमार शर्मा- इसे मनुष्य की अय्याशी कहा जाएगा या प्रकृति के प्रति उदासीनता कि एक सामान्य सामाजिक कार्यक्रम के आयोजन में ही ढेर सारा प्लास्टिक और पेपर कप का कचरा जमा हो जाता है। पानी पीने के लिए अगर कांच या स्टील के गिलास मंगाए जाएं तो उनको धोने की जहमत कौन उठाए। इसलिए … Continue reading आंखों देखीः देखन में छोटे लगत घाव करैं गंभीर