
Nature Walk.
-अखिलेश कुमार

Holarrhena antidysentrica.
इन दिनों चंबल घाटी इंद्र जौ के वृक्ष फूलो से लदे हुए हैं। मधुमक्खियां इसके फूलों का रस लेकर औषधीय मधु निर्माण में व्यस्त हैं।

गिरीमल्लिका, कुटज, कलिंग, वत्सक,इंद्रयव, भद्र्यव के नाम से पहचाने जाना वाला यह पादप आयुर्वेद में उत्तम ओषधीय वृक्ष माना गया गया है। इसकी फलियों से निकलने वाले बीज जौ के जैसे दिखाई देते हैं और इसे इंद्र-जौ कहा जाता है जो मधुमेह की उत्तम औषधि है। इस वृक्ष के विभिन्न भागों का उपयोग पीलिया, दस्त, पथरी, पाइल्स, घाव भरने, स्किन एलर्जी, खुजली तथा सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है।