
-देवेंद्र यादव-

क्या कांग्रेस के अधिवेशन के आखिरी दिन 9 अप्रैल बुधवार के दिन मंथन के बाद बिहार कांग्रेस के लिए अमृत निकलेगा। इस पर सभी की नजर है क्योंकि बिहार के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को कांग्रेस ने अपने गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे महत्वपूर्ण अधिवेशन में विशेष रूप से बुलाया है। अटकलें हैं कि कांग्रेस बिहार में बड़ा राजनीतिक खेल करने की योजना बन चुकी है जिसमें पप्पू यादव की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
मौजूदा वक्त में बिहार के दो बड़े कद्दावर नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य को लेकर खासी चर्चा है। ऐसे में क्या पप्पू यादव बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव का विकल्प बन सकते हैं। मौजूदा वक्त में पप्पू यादव बिहार को लेकर राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर अधिक चर्चा में है। यह चर्चा इसलिए भी है क्योंकि पप्पू यादव सड़क से लेकर संसद तक बिहार के मुद्दों को जबरदस्त तरीके से उठा रहे हैं और बिहार की जनता के बीच नजर आते हैं।
मौजूदा वक्त में कांग्रेस के पास बिहार में कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा है जो 2025 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी कामयाबी दिलवा सकता है। शायद इसीलिए कांग्रेस और राहुल गांधी की नजर पप्पू यादव पर है जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करवा दिया था। तब से लेकर अब तक संसद से लेकर सड़क पर पप्पू यादव कांग्रेस और कांग्रेस की विचारधारा की बात करते हुए नजर आ रहे हैं। पप्पू यादव ही वह नेता है जो लगातार इस बात को कह रहे हैं कि बिहार की जनता कांग्रेस की तरफ देख रही है। बिहार की जनता कांग्रेस को सत्ता में लाना चाहती है। राहुल गांधी पप्पू यादव की बात को गंभीरता से समझ रहे हैं और इसीलिए राहुल गांधी ने बिहार की कमान सीधे अपने हाथों में ले ली है। अब नजर पप्पू यादव पर है। क्या कांग्रेस पप्पू यादव को बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के विकल्प के रूप में पेश करेगी। यूं तो बिहार में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के अलावा अनेक बड़े नेता हैं मगर ज्यादातर वह नेता है जो भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं और इन नेताओं की छवि जनता के बीच आया राम गया राम वाली है। जबकि पप्पू यादव बिहार की जनता के बीच रहकर लगातार निर्दलीय सांसद और विधायक चुनते आ रहे हैं। चाहते तो पप्पू यादव भी सत्ता के साथ जा सकते थे मगर उन्होंने विचारधारा और जनता के विश्वास पर चलना उचित समझा। जनता चाहती है कि बिहार में कांग्रेस मजबूत हो और इसीलिए पप्पू यादव लंबे समय से बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस के अधिवेशन से अंतिम दिन हो रहे मंथन से बिहार को अमृत निकलता है या नहीं। इस पर सभी की नजर है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)
बिलकुल सही लिखा है आपने
पप्पू यादव, कन्हैया कुमार, शकील अहमद खान तथा प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की जोड़ी बिहार कांग्रेस के लिए बहुत ही कारगर साबित होगी
कांग्रेस पार्टी अपने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को चुनाव में टिकट देती है तो परिणाम कुछ अलग होगा जो आश्चर्यचकित होगा