
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी नेताओं से जमीनी स्तर पर जाने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी में ‘भरोसेमंद और वैचारिक रूप से मजबूत’ लोगों को लाना चाहिए, जो ‘पार्टी के लिए उपयोगी’ हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला है। उन्होंने बुधवार को यहां महासचिवों और प्रभारियों की इंदिरा भवन स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जोर देकर कहा कि अगर वे बूथ, मंडल, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर जाकर रणनीति बनाते हैं तो वे और अधिक “भरोसेमंद और वैचारिक रूप से मजबूत लोगों” को पार्टी से जोड़ सकते हैं। बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सभी महासचिव और विभिन्न राज्यों के प्रभारी शामिल थे।
खरगे ने बुधवार को नेताओं को बाहरी लोगों को उनकी प्रतिबद्धता का पता लगाए बिना जल्दबाजी में पार्टी में शामिल करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोग मुश्किल समय में पार्टी छोड़ देते हैं। उन्होंने पार्टी के महासचिवों और प्रभारियों को जमीनी स्तर पर वैचारिक रूप से इच्छुक लोगों की तलाश करने का निर्देश दिया, जो पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन के लिए मूल्यवान साबित हो सकते हैं। उन्होंने नवनियुक्त 11 महासचिवों और प्रभारियों समेत वरिष्ठ नेताओं से कहा कि वे अपने प्रभार वाले राज्यों के “भविष्य के चुनाव परिणामों” के लिए जवाबदेह होंगे। अगले पांच साल के काम का खाका पेश करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोगों के हितों के मुद्दे उठाने चाहिए और लगातार संघर्ष करना चाहिए ताकि वे मुख्य विपक्ष के रूप में उभरे और तभी वे लोगों की “पहली पसंद” बनेंगे।
खरगे ने कहा कि वे ऐसे लोगों को सुविधा दे सकते हैं जो पार्टी के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन उन्हें अब तक मौका नहीं मिला है। “हमें कांग्रेस की विचारधारा के प्रति समर्पित ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे साथ चट्टान की तरह खड़े हों। कई बार पार्टी को मजबूत करने के लिए जल्दबाजी में कई लोगों को शामिल कर लिया जाता है। लेकिन जो लोग विचारधारा में कमजोर होते हैं, वे मुश्किल समय में भाग जाते हैं। हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए,”। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द प्रदेश मुख्यालय से लेकर बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करना उनकी जिम्मेदारी है। “इस काम के लिए आपको खुद बूथ पर जाना होगा, कड़ी मेहनत करनी होगी, कार्यकर्ताओं से बातचीत करनी होगी। हमारे अग्रिम संगठनों और प्रकोष्ठों को इसमें शामिल होना होगा। मैं खास तौर पर INTUC के बारे में बात करना चाहता हूं, वे हमारा एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उन्हें संगठन को मजबूत करने में र्शामिल करना चाहिए।दिल्ली चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नेताओं, कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों ने संसाधनों की कमी के बावजूद कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों ने बदलाव के लिए वोट दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान बचाओ अभियान चल रहा है और यह अगले एक साल तक जारी रहेगा। इसके तहत पदयात्रा, संवाद, नुक्कड़ सभा जैसी गतिविधियां आयोजित की जा सकती हैं। लेकिन ऐसे हर कार्यक्रम का उद्देश्य संगठन का सशक्तिकरण होना चाहिए।
बैठक में नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के मुद्दे का भी जिक्र किया गया। खरगे ने कहा कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर करने से साफ है कि सरकार को उनकी निष्पक्षता पर भी भरोसा नहीं है। उन्होंने मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी को लेकर कहा कि इस चुनौती से निपटना होगा।
खरगे ने संगठन में कुछ और बदलावों का भी संकेत दिया और कहा कि कुछ बदलाव पहले ही हो चुके हैं और कुछ और होने वाले हैं। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा, ‘मैं आपसे जवाबदेही की सबसे महत्वपूर्ण बात के बारे में बात करना चाहता हूं। राज्यों में संगठन को नया स्वरूप देने और भविष्य के सभी चुनाव परिणामों के लिए आप सभी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का अपमान रोकने में विफल रहे। खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री भारत पर अमेरिकी टैरिफ का विरोध करने में विफल रहे, जो न केवल देश बल्कि सभी भारतीयों का अपमान है।