
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें उनके देश वापस भेजने के लिए तत्काल कदम उठाएं। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के सभी प्रकार के वीजा रद्द करने का फैसला लिया था। केंद्र ने आदेश दिया है कि सभी पाकिस्तानी नागरिक 27 अप्रैल तक भारत छोड़ दें। इसमें मेडिकल वीजा पर आए लोगों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने का समय दिया गया है। सीसीएस के फैसले को लागू करते हुए विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाओं को तत्काल निलंबित करने की घोषणा की है। इस बीच, सूत्रों से यह भी पता चला है कि गृह मंत्री सिंधु जल संधि के संबंध में अपने आवास पर बैठक करेंगे। इस बैठक में उनके अलावा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल होंगे। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बारे में पाकिस्तान को लिखित रूप से पहले ही सूचित कर दिया है। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा को पत्र लिखकर भारत सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है।
पत्र में भारत सरकार ने कहा है कि भारत सरकार ने संधि में संशोधन के लिए पाकिस्तान सरकार को नोटिस दिया है। नोटिस में कहा गया है कि संधि के कई बुनियादी पहलुओं में बदलाव हुए हैं और उन पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। जनसंख्या में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा का विकास और संधि में उल्लिखित जल वितरण से संबंधित विभिन्न कारक हुए हैं। किसी भी संधि का क्रियान्वयन सद्भावनापूर्वक किया जाना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
पत्र में कहा गया है कि भारत ने संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत 1960 की सिंधु जल संधि (संधि) में संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान सरकार को नोटिस भेजा है।