
बारां।” जंगल के प्रति हमारी संवेदनशीलता बहुत आवश्यक है। यदि ताजा हवा,पानी नहीं होंगे तो जन जन की क्या स्थिति होगी। जंगल प्रकृति के उपादानों में एक महत्वपूर्ण घटक है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। किसी एक जगह के पेड़ काटने से पूरे विश्व के का पर्यावरण प्रभावित होता है। यदि ऐसे में कही पेड़ों को काटा जा रहा है तो उसके लिए समाज और प्रशासन जिम्मेदार है ।”
ये विचार शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां द्वारा आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक कार्यकर्ता रॉबिन सिंह ने शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन को सहयोग देने वाली अपनी ” संवाद यात्रा ” के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि”शाहबाद जंगल बचाओ आंदोलन किसी व्यक्तिगत स्वार्थ की उत्पत्ति नहीं है यह सामूहिक विकास और संरक्षण की जिम्मेदारी है।
राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार द्वारा ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को शाहबाद तहसील में पम्पड़ स्टोरेज पावर प्लांट लगाने हेतु 25 लाख से 28 लाख पेड़ों को काटे जाने वाले तुगलकी आदेश के खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को सहयोग और समर्थन देने के लिए जन जन की
आवाज उठाने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता रॉबिन सिंह द्वारा पांच दिवसीय “संवाद यात्रा” का शुभारंभ आज श्रीराम स्टेडियम से किया गया जिसमे शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां के संरक्षक प्रशांत पाटनी कुन्जेड और सदस्य शामिल थे।यह यात्रा श्रीराम स्टेडियम से प्रताप चौक,संस्था धर्मादा चौराहा ,सदर बाजार से होती हुई श्रीजी मंदिर पर समाप्त हुई।
समापन पर समिति संरक्षक प्रशांत पाटनी कुन्जेड और बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि ” हिंदुस्तान में वैसे ही वनभूमि और जंगलों की कमी है ऐसे में यदि शाहबाद जंगल को बचाया नहीं गया तो इससे बढ़ कर विनाशकारी घटना पर्यावरण के क्षेत्र में अन्य नहीं हो सकती।”
इस अवसर पर पूरी दुनिया भर की मानव समुदाय की पर्यावरणीय चेतना को संरक्षित करने के लिए श्री रॉबिन सिंह के योगदान को लेकर पेंशनर समाज द्वारा पेंशनर समाज भवन में अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमे दिनेश कुमार गुप्ता की अगुवाई में सदस्यों ने उनका शाल श्रीफल और फूल हार पहना कर अभिनन्दन किया।बाघ चीता मित्र सदस्य,समाजसेवी यज्ञदत्त हाडा कोटा ,पीपुल्स फॉर एनिमल्स के बूंदी संयोजक विठ्ठल सनाढ्य,कोटा के पूर्व पार्षद युधिष्ठिर चानसी ने अभिनंदन समारोह में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ मुकेश मीणा और शंशाक नंदवाना ने किया। पर्यावरण प्रेमी महेन्द्र सिंह और योगेश गुप्ता ने व्यवस्था धन्यवाद ज्ञापित किया।