गत वर्ष से 10 प्रतिशत अंक कम रही कट ऑफ

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-जेईई-एडवांस्ड 2025 रिजल्ट एनालिसिस

-गत वर्ष से करीब 6 अधिक स्टूडेंट्स को कांउसलिंग के लिए किया क्वालीफाई

कोटा. 18 मई को आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित जेईई-एडवांस्ड परीक्षा जो कि देश के 222 एवं विदेश के दो परीक्षा शहरों में संपन्न हुई। इस वर्ष एक लाख 80 हजार 422 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इनमें 1 लाख 39 हजार 85 छात्र एवं 41 हजार 373 छात्राएं शामिल थी। जिनमें से 54 हजार 378 स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए योग्य घोषित किया गया है। इन काउंसलिंग क्वालिफाई स्टूडेंट्स में 44 हजार 974 लड़के एवं 9 हजार 404 लड़कियां शामिल हैं। कुल क्वालिफाई 54 हजार 378 विद्यार्थियों में से 17 हजार 511 सामान्य श्रेणी के, 12800 ओबीसी, 6500 ईडब्ल्यूएस, 12528 एससी, 5017 एसटी कैटेगिरी के विद्यार्थी हैं। गत वर्ष 48 हजार 400 स्टूडेंट्स को क्वालीफाई किया गया था।
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गत वर्ष से 10 प्रतिशत अंक कम रही कट ऑफ
जेईई एडवांस्ड 2025 की कट ऑफ पिछले वर्ष 2024 की तुलना में 10 प्रतिशत अंक कम रही है। इस वर्ष सामान्य श्रेणी के औसतन 20.56 (74 अंक) एवं विषयवार औसतन 5.83 (7 अंक), ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस की औसतन 18.50 प्रतिशत (66 अंक), विषयवार औसतन 5.25 प्रतिशत (6 अंक), एससी-एसटी औसतन 10.28 प्रतिशत (37 अंक) एवं विषयवार औसतन 2.92 प्रतिशत (3 अंक) कट ऑफ रही। जबकि गत वर्ष सामान्य श्रेणी की औसतन 30.34 प्रतिशत (109 अंक) एवं विषयवार 8.68 प्रतिशत (10 अंक) थी।
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किस रैंक पर कौनसी आईआईटी में मिलेगी क्या ब्रांच
अमित आहूजा ने बताया कि जेईई-एडवांस्ड के रिजल्ट के बाद अब विद्यार्थियों और अभिभावकों में सबसे बड़ी उत्सुकता कॉलेज और ब्रांच के चयन की है। हर विद्यार्थी अच्छी आईआईटी के साथ मनपसंद ब्रांच चाहता है।
– ऐसे विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक अण्डर-100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है। विद्यार्थियों की फर्स्ट च्वाइस देखें तो आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच रहती है, जो कि टॉप-61 पर क्लॉज हो जाती है। इसके बाद दूसरी प्राथमिकता दिल्ली सीएस को स्टूडेंट देते हैं। तीसरी प्राथमिकता में कानपुर और मद्रास की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को दी जाती है।
– 100 से 500 रैंक के मध्य दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, एआई , डाटा साइंस उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है।
– 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है।
– 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रूपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है।
– 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है।
– 8000 से 12000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को रोपड़, मंडी, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, भुवनेश्वर, पटना, धनबाद में कोर ब्रांच के अतिरिक्त अन्य ब्रांचों के साथ-साथ पुराने सात आईआईटी में बॉयलोजिकल साइंस, नेवल आर्किटेक्चर, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉलीमर साइंस, सिरेमिक इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है।
– 12 से 17 हजार के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को नई आईआईटी जैसे पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू की अन्य ब्रांचें मिलने की संभावना रहती है।
– उपरोक्त रैंक पर आईआईटी की ब्रांच मिलने की संभावनाएं कैटेगरी अनुसार परिवर्तित होती है। साथ ही छात्राओं को दिए गए 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटे से उपरोक्त आईआईटी में ब्रांच मिलने की संभावनाएं काफी पीछे की रैंक तक बन जाती है।
आहूजा ने बताया कि ऐसे विद्यार्थी जिनकी जेईई-एडवांस्ड आल इंडिया रैंक काफी पीछे है, उन्हें जेईई-एडवांस्ड के आधार पर आईआईपीई विशाखापट्टनम, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईएसईआर, आईआईएसटी में आवेदन के विकल्प उपलब्ध हैं। इन सभी संस्थानों की आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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