
नई दिल्ली। नवनिर्वाचित दिल्ली नगर निगम एमसीडी की पहली बैठक मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव किए बिना दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। एमसीडी चुनाव में बहुमत हासिल करने वाली आप पार्टी के पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी के पहले 10 मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाने के फैसले का जमकर विरोध किया। बैठक की नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। उधर, कांग्रेस ने इस चुनाव में वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला किया।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के शुक्रवार को चुनाव होने थे। भाजपा पार्षद सत्य शर्मा को बैठक के लिए पीठासीन अधिकारी के रूप में शपथ दिलाने के साथ विवाद शुरू हुआ।
सत्य शर्मा द्वारा मनोनीत पार्षद मनोज शर्मा को शपथ के लिए आमंत्रित करने के बाद, आप विधायक और पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। भाजपा पार्षदों ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की जबकि आप सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। आप पार्षद मेजों पर खड़े हो गए। इसके बाद शपथ ग्रहण रोक दिया गया और बैठक बाधित हो गई। दोनों पक्षों ने दूसरे खेमे पर मारपीट का भी आरोप लगाया। आप पार्टी ने आरोप लगाया कि एलजी ने मनोनीत पार्षदों के रुप में उन भाजपा नेताओं को नियुक्त किया है जो नागरिक मामलों के विशेषज्ञ नहीं हैं। हालांकि, मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षदों के पास मतदान का अधिकार नहीं है। मेयर चुनाव से पहले एमसीडी के लिए 10 मनोनीत पार्षद नामित किए गए थे।
इस बीच, आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि मनोनीत सदस्यों ने कभी भी एमसीडी हाउस में न तो मेयर चुनाव में और न ही डिप्टी मेयर चुनाव में वोट डाला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा गलत तरीकों से अपने वोटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है। पार्षदों के बीच हाथापाई भी हुई। दोनों पार्टियों के पार्षदों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। यहां तक कि सदन में कुर्सियां भी एक दूजे पर फेंकी। कुछ पार्षद टेबल पर भी चढ़ गए।