
-द ओपिनियन डेस्क-
लोकसभा सांसद शशि थरूर के कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने के साथ देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव रोचक हो गया है। शशि थरूर ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताया कि वह चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने भी उन्हें आश्वस्त किया है कि वह चुनाव में तटस्थ भूमिका निभाएंगी यानी किसी उम्मीदवार के पक्ष में नहीं होंगी। बताया जाता है कि थरूर ने कल सोनिया से मुलाकात की थी और सोनिया गांधी ने उन्हें आश्वस्त किया कि गांधी परिवार अध्यक्ष पद के चुनाव में किसी का पक्ष नहीं लेगा।
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपना विचार बदल देंगे और अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ेंगे। राहुल के अपने फैसले पर कायम रहने की स्थिति में, गहलोत शशि थरूर के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो 22 साल के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो सकते हैं। हालांकि एक के बाद एक कांग्रेस की राज्य इकाइयां राहुल गांधी को अध्यक्ष पद संभालने के लिए आग्रह का प्रस्ताव परित करती जा रही हैं। लेकिन राहुल का अभी स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहा है।

थरूर, कांग्रेस के जी-23 नेताओं में शामिल हैं जो पार्टी चलाने के तरीके में व्यापक बदलाव चाहते हैं। उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात से यही संकेत मिलता है कि वह किसी भी उम्मीदवार का समर्थन या समर्थन नहीं करेंगी, और कोई भी उनका अधिकारिक प्रत्याशी नहीं होगा। इससे यही स्पष्ट हो रहा है कि सोनिया गांधी अध्यक्ष पद के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के पक्ष में हैं और उनका मानना था कि पार्टी एक ऊर्जावान प्रतियोगिता से मजबूत होगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की गांधी परिवार से नजदीकी जगजाहिर है। गहलोत ही राहुल गांधी को अध्यक्ष पद सौंपे जाने के सबसे प्रबल समर्थक रहे हैं। यदि राहुल मैदान में नहीं उतरते तो गहलोत 26 सितंबर को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं। माना जा रहा है कि गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने को सोनिया गांधी की ओर से संकेत दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कार्यक्रम घोषित हो चुका है ओर एक अक्टूबर को अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बारे में पता चल जाएगा। 17 अक्तूबर को चुनाव होंगे।
राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर राजस्थान के बाद रविवार को छत्तीसगढ़ और गुजरात कांग्रेस इकाई ने भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया। सोमवार को महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व बिहार प्रदेश कांग्रेस ने भी इस आशय के प्रस्ताव पारित किए। अब तक छह प्रदेश कांग्रेस संगठनों ने राहुल को फिर अध्यक्ष बनाने की मांग की है।