सत्ता का मोह!

pcc

-देवेंद्र यादव-

devendra yadav
-देवेंद्र यादव-

राजस्थान में कांग्रेस के नेतृत्व में आयोजित संगम ट्रेनिंग कैंप में लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के अचानक पहुंचने से राजनीतिक गलियारों में हलचल और सस्पेंस पैदा हो गया था। यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में कोई राजनीतिक रणनीति बनाने जा रहा है। ऐसी खबरें आई की जयपुर के सामोद में देश भर के चुनिंदा नेता और कार्यकर्ता एकत्रित होकर ट्रेनिंग ले रहे हैं। जब संसद का सत्र चल रहा है और अडानी के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी अडानी के मुद्दे को लेकर एग्रेसिव दिखाई दे रहे हैं। वही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की थी कि कांग्रेस ईवीएम मशीन हटाओ और मतपत्र से चुनाव कराओ अभियान देशभर में चलाएगी। राहुल गांधी इसके लिए पदयात्रा करेंगे। जब भी राहुल गांधी भाजपा की मोदी सरकार के खिलाफ गंभीर मुद्दा उठाते हैं तब वह अकेले नजर आते हैं। कांग्रेस के राज्यों के बड़े नेता राहुल गांधी के साथ खड़े नजर नहीं आते हैं।
पता चला कि राजस्थान के सामोद में कांग्रेस के नेतृत्व संगम ट्रेनिंग कैंप में देश भर से आए कार्यकर्ताओं और नेताओं को महात्मा गांधी और कांग्रेस के विचार और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तैयार किया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान में अक्सर जो नेता ऐसे ट्रेनिंग कैंप लगाने की योजना बनाते है और आयोजित करते है क्या वह कांग्रेसी नेता महात्मा गांधी के विचार और आदर्श की पालना स्वयं करता है। जब 1947 में देश आजाद हुआ तब महात्मा गांधी ने सत्ता त्याग कर पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में सरकार बनवाई थी। जबकि राजस्थान का गांधी कहलाने वाला नेता भले ही राजस्थान में कांग्रेस खत्म हो जाए मगर राजस्थान के गांधी से सत्ता का मोह नहीं छूटता है।
कांग्रेस को आज जरूरत है पार्टी और राहुल गांधी के विचारों और नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने की। मगर कांग्रेस के नेता, राहुल गांधी के विचारों को और उनकी नीतियों को आम जनता तक पहुंचाने की जगह, अपनी राजनीतिक हैसियत कैसे बरकरार रहे इस उधेड़बुन में लगे दिखाई देते हैं।
राजस्थान का गांधी राजनीतिक खतरे में नजर आता है तब तब वह राजस्थान में महात्मा गांधी का सहारा लेता है। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में महात्मा गांधी के नाम पर कांग्रेस सरकार और कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्र से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर अनेक प्रशिक्षण शिविर लगवाएं। परिणाम यह हुआ कि राजस्थान में कांग्रेस अपनी सरकार को नहीं बचा सकी। यदि राजस्थान का गांधी महात्मा गांधी के विचारों और आदर्शों पर अमल कर लेते तो राजस्थान में कांग्रेस की लगातार दूसरी बार सरकार बन जाती।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments