
नई दिल्ली। एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर बुधवार दोपहर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। निर्वासित लोगों में पंजाब के 30, हरियाणा और गुजरात के 33-33, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के तीन-तीन और चंडीगढ़ के दो लोग शामिल हैं। निर्वासित 104 प्रवासियों में से 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं। तेरह नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 4 से 17 वर्ष के बीच है। सबसे उम्रदराज निर्वासित व्यक्ति मुंबई का है। विमान के भारत में उतरते ही विवाद भी शुरू हो गया। कांग्रेस ने दावा किया है कि अमेरिका डिपोर्ट किए गए भारतीयों को ‘हथकड़ी लगाई गई और उन्हें अपमानित किया गया’। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा,”अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने के दौरान भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरें देखकर एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है।”
यह पहली बार है जब अमेरिका ने प्रवासियों को भारत वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया है, इससे पहले वाणिज्यिक उड़ानों के ज़रिए निर्वासन किया गया था। जर्मनी के रामस्टीन एयर बेस पर ईंधन भरने वाला C-17 ग्लोबमास्टर, निर्वासित लोगों को लेकर दोपहर डेढ बजे में अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा।
अमेरिका ने पहले भारत में निर्वासित किए जाने वाले लगभग 18,000 अवैध प्रवासियों की पहचान की थी, जिनमें से अधिकांश पंजाब और गुजरात से थे। इसने यह भी अनुमान लगाया था कि वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि अमेरिका में अनिर्दिष्ट भारतीय प्रवासियों की कुल आबादी अभी भी अस्पष्ट है।
अनुमान है कि भारत से लगभग 725,000 अवैध अप्रवासी अमेरिका में रहते हैं, जो इसे मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अनधिकृत अप्रवासियों का तीसरा सबसे बड़ा समूह बनाता है।
पंजाब के कई लोग, जो लाखों रुपये खर्च करके “डंकी रूट” या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका में घुसे थे, अब निर्वासन का सामना कर रहे हैं। यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (यूएससीबीपी) के अनुसार, 2022 और नवंबर 2024 के बीच लगभग 1,700 भारतीयों को पकड़ा गया। 2022 में, 409, 2023 में 730 और 2024 में नवंबर तक 517 लोगों को पकड़ा गया, जिनमें 42 नाबालिग शामिल थे।