
-हरिओम शर्मा-

(वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार)
जयपुर । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि देश अब मानसिक गुलामी के दौर से निकल रहा है। 2014 में आया परिवर्तन का दौर निरंतर जारी है। यह पहली बार है जबकि बीते 8 वर्ष मैं पाकिस्तान से कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं की गई है। सोने का हिरण नए नए रूप में सामने आ रहा है। हमें माया पर चढ़े आवरण को हटाना होगा और अपने अवचेतन से विष को निकालकर अमृत को ग्रहण करना होगा। सुधांशु त्रिवेदी शनिवार को यहां होटल क्लार्क आमेर में आजादी के अमृत काल के तहत आयोजित जयपुर डायलॉग -2022 फोरम के मंच से गुलाबी नगर के श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश को मजाक का पात्र बनाया जा रहा है। उद्दंडता हावी है और अनुशासन का मजाक उड़ाया जाता है यहां तक कि देवी-देवताओं का अपमान करने से नहीं चूक रहे। पिछले 50 वर्षों में फिल्मों में सिखों और सेना के जवानों का खुला उपहास किया गया जो आज भी जारी है।
जैसे ही विष निकलेगा हमारी शक्ति सामने आ जाएगी
अपने चिर परिचित अंदाज में सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रीयता से ओतप्रोत अपने संबोधन में जमकर राष्ट्रवाद और धर्म पर खुलकर विचार रखें। उन्होंने कहा कि जहां भी दुनिया में लेफ्ट लिबरल है उदारता नहीं है। देश में अपराधियों का सम्मान किया जाता है और अनुशासन में रहने वाले पीड़ित प्रताड़ित किए जाते हैं। हमारे दिमाग में बड़े सटीक नरेटिव भरे जाते हैं। युवा पीढ़ी को इसे समझना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही विष निकलेगा हमारी शक्ति सामने आ जाएगी। इससे पूर्व मंगलाचरण से जयपुर डायलॉग के प्रथम सत्र की शुरुआत की गई। पंडित सतीश शर्मा ने मंगलाचरण किया और विषय प्रवर्तन पूर्व आईएएस व जयपुर डायलॉग के चेयरमैन संजय दीक्षित ने किया। जयपुर डायलॉग के अध्यक्ष सुनील कोठारी ने आभार जताया।
छोटे बच्चों के मामले में जन्म के आधार पर धर्म तय नहीं होना चाहिए
दूसरे सत्र में वक्ता आनंद रंगनाथन ने वामपंथ पर प्रहार करते हुए कहा कि वे कहते हैं सभी धर्म एक समान है, लेकिन व्यवहार रूप में ऐसा नहीं मानते हैं। वर्ष 2011 में हुई जनसंख्या गणना में बच्चों को भी धर्म में बांटा गया। जबकि छोटे बच्चों के मामले में जन्म के आधार पर धर्म तय नहीं होना चाहिए। अनेक लोग इस्लाम के बजाय अन्य धर्म में चले गए।
पत्रकार अंबर जैदी ने चिंता जताते हुए कहा कि कश्मीर और केरल में व्यापक स्तर पर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। लड़कियों को सेक्स टॉय बनाकर भेजा जा रहा है, लेकिन कोई धर्म उस पर सवाल खड़ा नहीं कर रहा है हालांकि भारत की सनातन संस्कृति जिंदा है। भरत गुप्त ने कहा कि इस्लाम का इतिहास बताने वाली बहुत अधिक पुस्तकें नहीं है। ऐसे में जो उपलब्ध है, उसकी ही ठीक ठीक व्याख्या होनी चाहिए। हमारा एजुकेशन सिस्टम चेंज होना चाहिए। अजय चुंगरू ने कहा कि सभी धर्मों में सवाल उठाने की स्वतंत्रता नहीं है। यहां तक कि नास्तिक बनने की स्वतंत्रता भी नहीं है। 13 इस्लामिक देश ऐसे हैं जहां नास्तिकों को मार दिया जाता है। जबकि भारत में हिंदू धर्म में नास्तिक को भी अभिव्यक्ति की आजादी है।
अब लड़ाई सच और झूठ की
तीसरा सत्र ‘भारत- भूत वर्तमान और भविष्य’ विषय पर हुआ। इसमें ओमेंद्र रत्नू ने कहा कि हिंदू समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन दूसरे धर्म के इतिहासकारों ने इसकी गलत जानकारी देकर भ्रमित किया है। तुफैल चतुर्वेदी ने कहा कि दूसरे धर्म के लोग भारत में राज और कारोबार करने नहीं, बल्कि धर्म का प्रचार प्रसार करने आए थे। भारत की खोज करने वाले भी पादरी थे। उन्होंने कहा कि धर्म के लिए लड़ने वालों की सहायता करनी होगी। इतिहासकार नीरज अत्री ने कहा कि सोशल मीडिया ने अपनी बात कहने की शक्ति दी हैं। वहीं, गलत बात की प्रतिक्रिया भी जोरों पर आती है। उन्होंने कहा कि अब लड़ाई सच और झूठ की चल रही है। जनप्रतिनिधियों ने सच को सच बताना शुरू कर दिया हैं। समानता की लड़ाई लंबी होगी। रघु हरि डालमिया ने कहा कि 2014 के बाद देश में सकारात्मक माहौल बना है। फौजियों में आत्मसम्मान आया है। नए हथियार देश में विकसित होने लगे हैं। लेकिन जो 1947 से चल रहा हैं वह देश का नुकसान कर रहे हैं। अब भारत अमृत काल की तरफ जाने को है। लिहाजा भारत पांच के बजाय 50 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ेगा।
कश्मीरी विस्थापितों को बिसरा दिया गया
चौथा सत्र ‘धारा 370 हटाने के बाद 3 साल का मूल्यांकन’ विषय पर अजय चुंगरू ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने इसका सम्मान नहीं किया। भारत ने इसे विकास से जोड़ दिया लेकिन सत्ता की सीढ़ी मुस्लिमों तक सीमित करने के प्रयास होते रहे। गुरु प्रकाश ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 और 35a हटाया गया जो कि बीजेपी ने राम मंदिर के साथ संकल्प किया था। इससे पहले कश्मीर में संवैधानिक फ्रॉड जारी था। सुशील पंडित ने कहा कि कश्मीर हमारा अंदरूनी मामला है। इसे लेकर पाकिस्तान और चीन की ओर से मचाए जा रहे शोर पर यूएनओ की ओर से जवाब दिया गया है, लेकिन 370 हटाए जाने के 8 माह बाद गृह मंत्रालय के जारी आदेश से कश्मीरी विस्थापितों को बिसरा दिया गया, जो ठीक निर्णय नहीं है। उन्होंने पर्यटन के नाम पर जेहाद को फंडिंग करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घाटी में पर्यटन के नाम पर आतंक को फंडिंग किया जा रहा है।
आम मतदाता को मूर्ख बनाया जा रहा है
पांचवें सत्र में ‘लोकतंत्र या वोट खरीद’ विषय पर चर्चा हुई। इसमें महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार भाऊ तोरसेकर ने कहा कि लोकलुभावन नारे, बातें, उपहार, शराब, नकदी आदि ने लोकतंत्र को चोट पहुंचाई है। लोकतंत्र में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सत्ताधारी को जिम्मेदार बनाना होगा। वक्ता विजय सरदाना ने कहा कि देश में गवर्नेंस नहीं है। कश्मीर में पलायनवाद है। आतंकवाद, भूख, स्वास्थ्य, यह सब बताते हैं कि लोकतंत्र कमजोर है। सत्ता भी केवल पावर लेना चाहती है। आम मतदाता को मूर्ख बनाया जा रहा है। जय आहूजा ने कहा कि देश में मेवात एक ऐसा क्षेत्र है जहां के ढाई सौ गांव हिंदू विहीन हो चुके हैं। जिस गांव में मुस्लिम आबादी है, वहां भारतीय कानून के बजाय शरिया लागू हो चुका है। चुनाव में लूटपाट और बूथ कैपचरिंग होती है। हाल यह है कि धारा 370 हटाने पर भी कश्मीर के कानूनों में बदलाव नहीं आ पाया है।कपिल मिश्रा ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे सशक्त लोकतांत्रिक व्यवस्था का देश है। लेकिन न्यायपालिका मीडिया और ब्यूरोक्रेसी ने अपना धर्म नहीं निभाया। लिहाजा विधायिका पथभ्रष्ट हो गई है।ओमकार चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र में मुफ्त की बंदरबांट पर राज्यों पर कई लाख करोड़ का कर्जा हो गया है। भारत दुनिया की पांचवीं सशक्त अर्थव्यवस्था घोषित हुई है, लेकिन अभी इसे दुरुस्त किया जाना चाहिए।
नामचीन हस्तियां विभिन्न सत्रों में विचार मंथन को धार देंगे
जयपुर डायलॉग के स्पॉन्सर धर्मांश फाउंडेशन, ओएनजीसी, इंडस यूनिवर्सिटी, बैंक ऑफ बड़ौदा है। आयोजन के को-स्पॉन्सर निमितेकम, इंडियन ऑयल, पंजाब सिंध बैंक, ब्लू वन इंक, टाइब्रस इंफ्रा हैं। आयोजन सचिव पंकज जोशी ने बताया कि रविवार के सत्र में पंडित सतीश शर्मा, आनंद रंगनाथन, आर जगन्नाथन, शाजिया इल्मी, विक्रम संपत और सुशांत सरीन सहित अनेक नामचीन हस्तियां विभिन्न सत्रों में विचार मंथन को धार देंगे। आयोजन में संयुक्त सचिव राजकुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष प्रकाश टेकवानी, आयोजन समिति के जय शर्मा और निदेशक विष्णु बिहानी और सुनील शर्मा तथा देश भर से आए गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मंच संचालन प्रणय भारद्वाज ने किया।