
-विष्णुदेव मंडल-

(बिहार मूल के चेन्नई निवासी स्वतंत्र पत्रकार)
चेन्नई। बिहार सरकार द्वारा तमिलनाडु भेजी चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को कोयम्बटूर और तिरूपुर के उद्योग जगत एवं श्रमिकों से मुलाकात की और पिछले कई दिनों से देश में वायरल हो रहे वीडियो को अफवाह बताया है। वीडियो यह कहकर सर्कुलेट किए थे कि यह घटना तमिलनाडु के तिरूपुर में घटी है जिनमें तमिलों द्वारा हिंदी भाषी बिहारियों को मारा जा रहा है को अफवाह बताया।
इस विषय पर बिहार सरकार के प्रतिनिधिमंडल के अधिकारियों डी बालमुरगन,सचिव (ग्रामीण विकास ) आईजी कन्नन एवं आलोक कुमार,एसपी संतोष कुमार के साथ कोयंबटूर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी बैठक की। जिनमें यह कहा गया कि जो भी वीडियो सोशल मीडिया पर चलाया गया उसका तिरुपुर से कोई संबंध नहीं है। यह सारे वीडियो पुराने एवं अन्य राज्यों की के घटनाओं से संबंधित हैं। इसलिए प्रवासी हिंदी भाषी मजदूरों को किसी तरह से डरने की जरूरत नहीं है। तमिलनाडु सरकार और बिहार सरकार दोनों इसके जड़ में पहुंच रहे हैं और उन शरारती तत्वों पर कार्रवाई शुरू हो गई है जिन्होंने इस तरह की वीडियो पोस्ट कर माहौल खराब करने की प्रयास किया है।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बिहार सरकार के प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख आईएएस डी बालमुर्गन ग्रामीण विकास बिहार, एवं एसपी संतोष कुमार वेपेरी स्थित लक्ष्मीमहल में बिहार एसोसिएशन चेन्नई के बैनर तले आयोजित बैठक में शामिल हुए तथा चेन्नई और आसपास के इलाकों में रह रहे बिहारी कारोबारियों और श्रमिकों से भी मुलाकात की। उन्हें पिछले दिनों वायरल हुए वीडियो एवं उनसे उत्पन्न हुई समस्याओं से अवगत कराया और इस तरह की अफवाह वाली खबरों से बचने की सलाह दी।
वेपेरी में प्रवासी बिहारियों को संबोधित करते हुए बालू मुर्गन ने विश्वास दिलाया कि आप तमिलनाडु में सुरक्षित हैं किसी तरह का भय नहीं है। यहां के पुलिस अधिकारी आपकी सुरक्षा के लिए तैयार हैं। उन्होंने पुराने वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से जो एक वीडियो चलाया गया उस वीडियो का संबंध तमिलनाडु और त्रिपुर से नहीं है। वही ं एसपी संतोष कुमार ने बिहारी कामगारों को संबोधित करते हुए कहा कि जितने भी वीडियो सर्कुलेट किए गए सभी फर्जी थे। जो वीडियो कोयंबतूर की थी वह भी पुराने और बिहारी और तमिलों के बीच संघर्ष से बिल्कुल अलग थी।
मईलापुर रेंज के एसपी श्री रजत कुमार चतुर्वेदी ने भी प्रवासी कामगारों को संबोधित किया। उन्होंने कहा बिना सोचे समझे वीडियो को पोस्ट करने से बचें। यदि आप प्रवासियों को किसी तरह की समस्याएं होती है तो नजदीक के थाने में शिकायत दर्ज करवाएं। हर थाने में एक हिंदी भाषी अधिकारी नियुक्त किया है जो आपकी समस्याओं को सुन सकते हैं। आप तमिलनाडु में पूर्णरूपेण सुरक्षित हैं। आपकी सुरक्षा हमारी गारंटी है।कई मजदूरों ने भी अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखी।
यहां उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों घटित घटनाओं से जुड़ी खबरों को देश के तमाम मीडिया हाउस प्रमुखता से प्रसिारित कर रहे हैं। तमिलनाडु से बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल जाने वाली सभी ट्रेनों में उमड़ रही भीड़ को देखने के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि प्रवासी दिहाड़ी मजदूर डर के कारण तमिलनाडु छोड़ रहे हैं।