
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस ने सेवा दल को छोड़कर, अपने लगभग सभी अग्रिम संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को बदल दिया है। कांग्रेस ने बुधवार 4 जून को लंबे समय से कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर बैठे राजेश लिलोठिया के स्थान पर राजेंद्र कुमार गौतम को नया अध्यक्ष बना दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने अपने अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी बदला। उनके स्थान पर नए नेताओं को अध्यक्ष बनाया था।
कांग्रेस लंबे समय से मिशन के रूप में संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ का अभियान चला रही है। इस अभियान को सफल बनाने में कांग्रेस के अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अभियान दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के घरों तक जितना पहुंचना चाहिए था इतना नहीं पहुंचा, क्योंकि कांग्रेस की रीति नीति योजनाओं को पहुंचने वाला मुख्य संगठन कांग्रेस सेवा दल कमजोर है और संगठन कमजोरी का कारण कांग्रेस सेवादल का राष्ट्रीय अध्यक्ष कमजोर है। लंबे समय से सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर काबिज लालजी देसाई पूरे देश में सेवादल को खड़ा नहीं कर पाए। उनका ध्यान सेवादल पर नहीं होकर उनके गृह प्रांत गुजरात पर अधिक रहा क्योंकि गुजरात में राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को उखाड़ फेखने का संकल्प लिया है। राहुल गांधी गुजरात की सड़क से लेकर संसद में भाजपा को बता चुके हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा को कांग्रेस गुजरात में हराएगी। राहुल गांधी के इसी मिशन को पूरा करने के लिए जिग्नेश मेवानी और लालजी देसाई पूरी ईमानदारी से गुजरात के भीतर जुटे हुए हैं। मगर सवाल एक राज्य गुजरात का नहीं है। सवाल है सारे देश का। सारे देश में कांग्रेस का संगठन सेवा दल राजस्थान को छोड़ दें तो अन्य राज्यों में कमजोर है। कांग्रेस हाई कमान को कांग्रेस के अन्य संगठनों की तरह कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष को भी बदलने की जरूरत है, क्योंकि इस पद पर लाल जी देसाई को लंबा समय हो गया है। लाल जी देसाई का ध्यान सेबादल पर कम राहुल गांधी के मिशन गुजरात पर अधिक है। गुजरात में लाल जी देसाई राहुल गांधी के मिशन गुजरात को सफल बनाने के लिए मेहनत भी कर रहे हैं। ऐसे में लाल जी देसाई को गुजरात के अंदर ही बड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए, और सेवा दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी अन्य मजबूत कार्यकर्ता को बनाना चाहिए। वैसे भी राहुल गांधी ने कांग्रेस संगठन सृजन का अभियान चला रखा है। उन्होंने मध्य प्रदेश के बाद हरियाणा में संगठन सृजन का अभियान की शुरुआत कर दी हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)