एक छोटी सी है ज़मीं मेरी। एक छोटा सा आसमाॅं मेरा।।

85cca09c 398d 44d5 babd 4d0df86eeba0
फोटो अखिलेश कुमार

ग़ज़ल

-शकूर अनवर-

shakoor anwar
शकूर अनवर

*
खूबसूरत सा इक जहाँ मेरा।
मेरी आँखों में है मकाॅं मेरा।।
*
एक छोटी सी है ज़मीं मेरी।
एक छोटा सा आसमाॅं मेरा।।
*
घर के दीवारो-दर मुहाफ़िज़* हैं।
है यहीं मस्कने-अमाॅं* मेरा।।
*
सब के सब रास्ते मेरे घर से।
बस यहीं से है कारवाॅं मेरा।।
*
यूँ मेरा नाम सब कहीं पहुॅंचा।
फिर भी घर से मिला निशाॅं मेरा।।
*
जानता है मेरे गुनाहो सवाब*।
ये मेरा घर है राज़दाँ* मेरा।।
*
सिर्फ़ सरमाया है यही “अनवर”।
कुछ किताबें कि ये मकाॅं मेरा।।
*

मुहाफ़िज़*रक्षक
मसकने-अमाॅं*शांति का निवास
गुनाहो सवाब*पाप पुण्य
राज़दाँ*भेद जानने वाला

शकूर अनवर
9460851271

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments