किसानों को अब सिंचाई के लिए मिलेगा पानी

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नहर

-कोटा बैराज की बांई मुख्य नहर से सिंचित होने वाले बूंदी जिले के कई गांव में अंतिम छोर के खेत तक सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच पाने से विचलित किसानों के बार-बार मांग करने के बावजूद जब प्रशासन उनकी मांग मानने की राह पर नहीं आया तो उन्होंने आंदोलन का रुख अपनाया और जब उन्होंने तीन सितम्बर से चक्काजाम की चेतावनी दी तो अब अंतिम छोर के किसानों को पानी पहुंचाने के सभी उपाय किए जा रहे हैं।

-कृष्ण बलदेव हाडा-

कोटा। राजस्थान में कोटा बैराज की बाईं मुख्य नहर से सिंचित होने वाले बूंदी जिले में अंतिम छोर के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण उनके आंदोलित होने के बाद अब सिंचित क्षेत्र विकास (सीएड़ी) विभाग प्रशासन सक्रिय हुआ है। राज्य सरकार के दबाव में किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के हर संभव उपाय करना शुरू कर दिये गए हैं ।
सिंचित क्षेत्र विकास (सीएड़ी) विभाग के अधिकारी अब उन सभी उपायों पर निगरानी रख रहे हैं जिनके जरिए अंतिम छोर के किसानों तक सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवा जा सकता हैं क्योंकि किसानों ने चेतावनी दी हुई है कि यदि अगले दो सितम्बर की मध्य रात्रि के उपरांत सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं होगा तो तीन सितम्बर से राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया जाएगा।
किसानों के आंदोलनात्मक रवैये के बाद सीएडी प्रशासन के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई है। सिंचित क्षेत्र विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है क्योंकि किसानों ने प्रशासन को आज यानी दो सितंबर तक अंतिम छोर के गांव में किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि आज मध्य रात्रि तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे तीन सितंबर को जगह-जगह रास्ता रोक देंगे। सीएड़ी के अधिकारी और अभियंता लगातार सिंचित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। यह सिलसिला आज भी जारी रहा और उन स्थानों पर पानी पहुंचाने के प्रबंध किए जा रहे हैं जो अंतिम छोर पर हैं और वहां अभी तक भी पानी नहीं पहुंचने के कारण किसानों को व्यापक पैमाने पर फ़सली नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
बूंदी जिले में चूंकि नहरी क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर धान की खेती होती है। धान की खेती के लिए किसानों को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है इसलिए किसान लगातार आंदोलनात्मक रूख अपनाते हुए सीएडी प्रशासन पर धान की फसल को पानी के लिए दबाव बना रहे हैं और उनका यह दबाव वाजिब भी है क्योंकि पानी की इतनी अधिक कमी है कि नहरी सिंचित क्षेत्र होने के बावजूद जब किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है तो भी वे मजबूर होकर ट्यूबवेल से अपनी फसलों को पानी देते हैं इसीलिए किसानों ने बड़ी संख्या में सिंचित क्षेत्र होने पर भी ट्यूबवेल खुदवा रखे हैं।
सीएड़ी प्रशासन भी अब सक्रिय है और संभागीय आयुक्त डा. प्रतिभा सिंह ने किसानों को नहरी पानी समय पर मिलना सुनिश्चित करने के हरसंभव उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
बूंदी जिले के कुछ इलाकों में नहरी सिंचित क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने के बाद उनके आंदोलित होने के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के संभावित सभी प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में संभागीय आयुक्त डा. प्रतिभा सिंह ने शुक्रवार को बून्दी ब्रांच नहर का दौरा किया।
डा. प्रतिभा सिंह ने मौके पर उपस्थित अभियंताओं को निर्देशित किया कि वे नहरी क्षेत्र का नियमित निरीक्षण कर सुनिश्चित करें कि नहर में संचालित जल का समुचित सदुपयोग हो, जल का व्यर्थ बहाव न हो एवं नहरों में जल का संचालन (रेगुलेशन) इस प्रकार किया जाये जिससे कि क्षेत्र के अधिकतम किसानों को लाभ हो सके। उन्होंने निर्देशित किया कि आगामी रबी फसल के लिए नहर के संचालन से पूर्व नहरों की समुचित साफ-सफाई एवं मरम्मत कार्य करवाया जाये।

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