
-देवेंद्र यादव-

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को यह समझ आ जाना चाहिए कि लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी अब अकेले नहीं है। उनके साथ देश की जनता और कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता साथ में खड़े हुए हैं।
राहुल गांधी अब 2014 से लेकर 2021 वाले नेता नहीं रहे जिनके ऊपर भारतीय जनता पार्टी के नेता कुछ भी आरोप लगाकर निकल लेते थे। मगर तीन दिन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं और विपक्ष के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं के खिलाफ विरोध के सुर बुलंद किए जिन्होंने राहुल गांधी पर गंभीर टिप्पणियां की थी। उन्होंने बता दिया कि राहुल गांधी अकेले नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता जाने के बाद राहुल गांधी अकेले भारतीय जनता पार्टी की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को लेकर अक्सर उन्हें कटघरे में खड़े करते हुए नजर आते थे। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के खिलाफ ठोस और मजबूत मुद्दों को उठाने के बाद भी राहुल गांधी के साथ विपक्ष तो दूर कोई भी कांग्रेस का बड़ा नेता उनकी आवाज में आवाज मिलने के लिए तैयार नहीं होता था। मगर राहुल गांधी ने पैदल यात्राएं कर पहले देश की जनता का दिल जीता और इसके बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेता भी राहुल गांधी के साथ हो लिए।
भाजपा नेता और केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने जब राहुल गांधी को देश का आतंकवादी नंबर वन कहा तब इसके विरोध में सबसे पहले पूर्णिया बिहार के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव राहुल गांधी के साथ खड़े नजर आए।
यदि राहुल गांधी के साथ में विपक्षी दलों के नेताओं के खड़े होने की बात करें तो दो नेता ऐसे हैं जो हमेशा राहुल गांधी के साथ खड़े नजर आते हैं। जिसमें शिवसेना उद्धव के नेता संजय राउत भी हैं। जिन्होंने 1 अगस्त को कह दिया था कि राहुल गांधी की जान को खतरा है। बुधवार 18 सितंबर को संजय रावत प्रेस के सामने आए और उन्होंने याद दिलाया कि मैंने 1 अगस्त को ही बोल दिया था कि राहुल गांधी की जान को खतरा है। दूसरे नेता पप्पू यादव हैं जो लगातार राहुल गांधी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर की गई गंभीर टिप्पणियों को कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं ने ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को नसीहत दी। राहुल गांधी के बचाव में उतरे नकवी राजनीतिक गलियांरो में सुर्खियों में रहे। नकवी अटल बिहारी वाजपेयी युग के भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता हैं। नकवी का बयान देश की राजनीति में मायने रखता है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी पर भाजपा नेताओं के द्वारा दिए जा रहे बयानों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा और राहुल गांधी की सुरक्षा की मांग की। वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देशभर में सड़क पर उतरकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा राहुल गांधी पर की गई टिप्पणियों का जमकर विरोध किया। राहुल गांधी अकेले नहीं है यह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के अब समझ में आ जाना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल गांधी पर जितने व्यक्तिगत राजनीतिक हमले करेंगे अब उतना ही नुकसान भारतीय जनता पार्टी को राजनीतिक रूप से उठाने पड़ेंगे। एक तरफ राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मोदी की लंबी उम्र की कामना कर बधाई दे रहे तो तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल गांधी की जुबान काटने और उनकी दादी के जैसा हाल करने की धमकी दे रहे थे। कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं ने इसे गंभीरता से लिया है और राहुल गांधी पर टिप्पणियां करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)