
-देवेंद्र यादव-

टीम राहुल गांधी झारखंड और तेलंगाना विधानसभा चुनाव जैसी सफलता क्या बिहार में भी हासिल कर सकेगी। झारखंड और बिहार कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारियों को बदलने के बाद राजनीतिक पंडितों की इस ओर नजर है।
कांग्रेस ने के राजू को झारखंड और कृष्णा अल्लूवारु को बिहार का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया है।
झारखंड और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में के राजू के नेतृत्व में राहुल गांधी की टीम ने काम किया और पार्टी को बड़ी सफलता हाथ लगी। तेलंगाना में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाई और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई। दोनों जगह की जीत में के राजू और कृष्णा अल्लावरू का बड़ा योगदान रहा। एक समय लग रहा था कि झारखंड में कांग्रेस कमजोर है और कांग्रेस को एक या दो सीट मिल जाए तो बड़ी बात होगी। लेकिन झारखंड चुनाव में जैसे ही पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव की एंट्री हुई उन्होंने कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में जबरदस्त प्रचार किया तो कांग्रेस 11 विधानसभा सीट जीतने में सफल हुई और झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी।
सवाल यह है कि क्या कांग्रेस बिहार में भी झारखंड और तेलंगाना जैसी रणनीति पर काम करेगी। क्योंकि झारखंड और बिहार के दोनों प्रभारी के राजू और कृष्णा ने पर्दे के पीछे रहकर कार्य किया था। अब दोनों चुनावी मास्टरमाइंड और चुनावी रणनीतिकार जनता और कार्यकर्ताओं के सामने हैं। बिहार में उनका सामना भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों के अलावा प्रशांत किशोर से भी होगा। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार ने पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए बिहार में पदयात्रा की है। शायद कांग्रेस ने कृष्ण अल्लावरू को इसीलिए बिहार का राष्ट्रीय प्रभारी बनाया है क्योंकि बिहार में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर स्वयं चुनावी मैदान में होंगे।
देश के राजनीतिक पंडितों को राहुल गांधी का यह फैसला हजम नहीं हो रहा है कि हिंदी भाषी राज्य बिहार में दक्षिण के एक युवा नेता को प्रभारी क्यों बनाया है। राहुल गांधी ने यह प्रयोग पर्दे के पीछे से झारखंड में किया था और उनका प्रयोग सफल रहा था जहां के राजू और कृष्ण अल्लावरु ने बेहतरीन काम किया था। मगर अब राहुल गांधी ने दोनों को चुनावी मैदान में सामने उतार दिया है। बिहार में शीघ्र ही राहुल गांधी के चुनावी रणनीतिकार झारखंड की तरह कमान संभाल लेंगे। राहुल गांधी को राजू और कृष्णा पर पूरा भरोसा है, इसीलिए उन्होंने दोनों को झारखंड और बिहार का प्रभारी बनाया।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैंं। यह लेखक के निजी विचार हैं)