
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को बिहार दौरा करेंगे। इस दौरान राहुल राजगीर (नालंदा) में पार्टी की ओर से आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे। यहां अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ संवाद भी करेंगे। राहुल गांधी गयाजी में महिलाओं से संवाद करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी रहेंगे। राहुल गांधी का आगामी विधासनसभा चुनाव से पहले इस साल यह छठा बिहार दौरा होगा। पिछले महीने दरभंगा में दलित छात्रों से संवाद के लिए वे अंबेडकर छात्रावास पहुंचे थे। इस दौरान प्रशासन के साथ हंगामा हो गया था।
राहुल गांधी दिल्ली से गयाजी हवाई अड्डा पर उतरेंगे. वहां से सबसे पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी के गांव गहलौर (गया) जाएंगे।गहलौर में स्थित दशरथ मांझी स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राहुल गांधी दोपहर 12 बजे राजगीर के कन्वेंशन सेंटर पहुंचेंगे। वहां पार्टी की ओर से संविधान सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कांग्रेस नेता के अति पिछड़ा वर्ग के लोगों और छात्रों के साथ संवाद करने का भी कार्यक्रम है। राजगीर से लौटने के बाद राहुल गया जी में महिलाओं से संवाद करेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। राहुल इससे पहले दरभंगा में दलित छात्रों के साथ और पटना में बुद्धिजीवियों के साथ संवाद कर चुके हैं। राहुल गांधी इन दिनों लगातार बिहार दौरा कर रहे हैं। उनके इन दौरों को राजनीतिक रुप से भी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस की खोई हुई जमीन को तलाशने के लिए राहुल बार बार आ रहे हैं। ताकि वो बिहार में जमीनी तौर पर कांग्रेस को मजबूत बना सके। अपने छठे दौरे पर राहुल सीएम नीतीश के गृह जिला नालंदा जाएंगे। जहां ओबीसी और ईबीसी सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
दरअसल, आज नालंदा के राजगीर में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ और ‘अतिपिछड़ा वर्ग संवाद’ को राहुल संबोधित करेंगे। राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के “संविधान सुरक्षा अभियान” का हिस्सा है। इस दौरान वह करीब एक घंटे कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे और 45 मिनट तक पार्टी कार्यकर्ताओं एवं सामाजिक समूहों को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी के नालंदा में कार्यक्रम करने के मुख्य दो कारण है। पहला तो नालंदा सीएम नीतीश का गृह जिला है। दूसरा कि नालंदा को OBC-EBC समुदाय का गढ़ माना जाता है। बिहार की जनसंख्या में इन वर्गों की हिस्सेदारी करीब 36% है। कांग्रेस की रणनीति इस वर्ग के बीच पकड़ मजबूत कर नीतीश के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने की मानी जा रही है। राहुल गांधी के इस सम्मेलन के जरिए पार्टी “पलायन रोको, नौकरी दो” और “शिक्षा न्याय संवाद” जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर युवाओं, महिलाओं और पिछड़े वर्गों को साधना चाहती है।