
-ए विण्डो टू द वर्ल्ड आफ वण्डर, ड्रीम बिग, फ्लाई हाई – नामक पुस्तकों की लेखिका इशिता का ब्रिटिश और 11 अमेरिकी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए चयनित
कोटा की बेटी और जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल, जयपुर की कक्षा-12 की छात्रा इशिता पाण्डेय को हाल ही में आयोजित ग्रेजुएशन सैरेमनी के दौरान “क्रिएटिव राइटिंग अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें स्कूल की निदेशक डॉ. जयश्री पेरीवाल, श्री आयुष पेरीवाल और श्रीमती आकृति पेरीवाल द्वारा प्रदान किया गया।
प्रतिभाशाली छात्रा इशिता पाण्डेय ने एक बार फिर अपने शहर कोटा को गौरवान्वित किया है। उन्हें यूनाइटेड किंगडम के पाँच प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन, गोल्डस्मिथ्स यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन, यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड, यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स और यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स लंदन द्वारा जर्नलिज्म और कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए चयनित किया गया है। इसके साथ ही अमेरिका के भी 11 प्रमुख विश्वविद्यालयों से उन्हें ऑफर प्राप्त हुआ है, जिनमें एमोरी यूनिवर्सिटी अटलांटा, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो, बोस्टन यूनिवर्सिटी, यूसी डेविस, यूसी रिवरसाइड, सिराक्यूस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया का एननबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी का वॉल्टर क्रोनकाइट स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, स्टोनी ब्रुक यूनिवर्सिटी, पर्ड्यू यूनिवर्सिटी और ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
इशिता को इससे पहले लन्दन (इंग्लैण्ड) में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में राजनीति, इतिहास और दर्शन विषयों में “जॉन लॉक ग्लोबल एस्से अवॉर्ड” मिला था। यह गौरव प्राप्त करने वाली वह भारत की पहली छात्रा बनीं, जिन्हें इन तीनों विषयों में “सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट” भी प्राप्त हुआ। इशिता अब तक दो पुस्तकें लिख चुकी हैं : ‘ए विंडो टू द वर्ल्ड ऑफ वंडर’ और ‘ड्रीम बिग, फ्लाई हाई : 55 जर्नीज टू इंस्पायर यंग माइंड्स’। इन पुस्तकों को उन्होंने ऑक्सफोर्ड समर कोर्स के दौरान कोर्स डायरेक्टर स्टीफन डेविस को भी भेंट किया था, जिन्होंने इनकी सराहना की। इशिता पाण्डेय, सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा के नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश पाण्डेय और डॉ. विदुषी शर्मा की पुत्री हैं। इशिता ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है, जिनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के बिना यह सफर संभव नहीं था।