
-देवेंद्र यादव-

बिहार का नेता कौन, यह रविवार 12 जनवरी को बिहार को बंद करवा कर बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने देश के राजनीतिक पंडितों और विश्लेषकों को बता दिया।
बिहार में पेपर लीक मामले में बेरोजगार छात्रों के हक में सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ रहे पप्पू यादव ने 12 जनवरी रविवार को बिहार बंद का आह्वान किया था। यह बंद सफल रहा और बिहार बंद की सफलता ने बिहार की राजनीति में सवाल खड़ा कर दिया कि बिहार का बड़ा नेता कौन पप्पू यादव, तेजस्वी यादव या फिर चिराग पासवान। जिस प्रकार से पप्पू यादव के नेतृत्व में बेरोजगार युवा और छात्रों का बिहार की सड़कों पर सैलाब देखा गया उसने बता दिया कि बिहार का बड़ा नेता कौन है। 12 जनवरी को बिहार की राजनीति में एक सवाल और खड़ा कर दिया। क्या बिहार के बेरोजगार युवा और छात्रों का पप्पू यादव को मिल रहा समर्थन आने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव और केंद्र में मंत्री चिराग पासवान के लिए राजनीतिक रूप से खतरे की घंटी है क्योंकि विगत विधानसभा चुनाव में बिहार के बेरोजगार युवा और छात्रों का सैलाब राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ देखा गया था। उस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में सामने आया था और कांग्रेस जेडीयू और राष्ट्रीय जनता दल ने मिलकर सरकार भी बनाई थी। उस सरकार में तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। मगर जिन छात्र और युवाओं ने तेजस्वी यादव को समर्थन देकर मजबूती के साथ विधानसभा में बैठाया था, आज बिहार के वहीं छात्र और युवा रोजगार के लिए परेशान है और पेपर लीक हो रहे हैं।
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव यही आरोप लगा रहे हैं कि बिहार में 40 साल तक जिनकी सरकार रही उन लोगों ने बिहार की जनता युवा और छात्रों के लिए कुछ नहीं किया। अब समय आ गया है इन नेताओं को जवाब देने का। 12 जनवरी को पप्पू यादव के नेतृत्व में किया गया बिहार बंद, राजनीतिक पंडित और राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चिंतन और मंथन करने वाला है क्योंकि बिहार में भविष्य की राजनीति को लेकर जो तीन प्रमुख चेहरे नजर आ रहे हैं उनमें एक तेजस्वी यादव हैं दूसरे चिराग पासवान और तीसरे नेता पप्पू यादव हैं। जहां तक तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की बात करें तो दोनों नेताओं की राजनीतिक जमीन उन्हें अपने पिता की विरासत के कारण मिली है। जबकि पप्पू यादव ने बिहार में राजनीतिक जमीन अपने दम पर तैयार की है। पप्पू यादव बिहार से छह बार निर्दलीय सांसद बने और एक बार विधायक बने।
पप्पू यादव बिहार में कितने लोकप्रिय नेता हैं इसका नजारा देश ने 12 जनवरी को बिहार की सड़कों पर देखा जब पेपर लीक मामले में पप्पू यादव के अनुरोध पर जन सैलाब देखा। खास बात यह थी कि पप्पू यादव बिहार के बेरोजगार युवा और छात्रों के लिए अकेले संघर्ष करते हुए देखे गए।
अब सबकी नजर जनवरी के अंत में होने वाले संसद सत्र पर होगी क्योंकि पप्पू यादव ने ऐलान किया है कि बिहार के छात्रों को न्याय नहीं मिला तो वह संसद को हिला देंगे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)