जिस सवाल का जवाब एक बार पढ़ते ही आ जाए, उस सवाल को दो बार जरूर पढ़ो : डॉ.रविन्द्र गोस्वामी

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– कलक्टर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी पहुंचे नीट स्टूडेंट्स की क्लास में

कोटा. परीक्षा में कई सवाल सिर्फ स्टूडेंट्स को कन्फ्यूज करने के लिए बनाए जाते हैं, ये सवाल हमें पढ़ने में बहुत आसान लगते हैं और हम गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में मेरा आप सभी को सुझाव है कि जो सवाल एक बार पढ़ते ही समझ आ जाए उसे दो बार जरूर पढ़ें। मैं तो सवालों को अंडरलाइन करके पढ़ता था ताकि अंत तक पढ़ सकूं। इसके साथ ही टेस्ट पेपर्स नियमित रूप से हल करते रहें और प्रेक्टिस करते रहें।

जिला कलक्टर कोटा डॉ.रविन्द्र गोस्वामी एक बार फिर एक शिक्षक के रूप में जवाहर नगर स्थित एलन सत्यार्थ कैम्पस में नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे। उन्होंने स्टूडेंट्स को परीक्षा की तैयारियों के कुछ बेसिक टिप्स देने के साथ-साथ माता-पिता और अन्य परिजनों के साथ नियमित संवाद करने के लिए भी प्रेरित किया।

उन्होंने स्टूडेंट्स से बातचीत करते हुए बताया कि रोजाना पापा-मम्मी से बात किया करो। मैं आज भी सबसे पहला कॉल पापा-मम्मी को ही करता हूं। उन्हें रोज जो हुआ उसके बारे में बताया करो। क्या पढ़ा, क्या समझ आया, क्या समझ नहीं आया, सबकुछ उनसे शेयर करो। हो सकता है आपके सब्जेक्ट की बातें उन्हें समझ नहीं आएं लेकिन आपकी समस्या का समाधान वो दे सकते हैं।

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जिला कलक्टर कोटा डॉ.रविन्द्र गोस्वामी एलन सत्यार्थ कैम्पस में नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के बीच.

मैं भी उन्हें अपनी प्रॉब्लम्स बताता था। एक बार मैंने पापा से कहा कि तीन-चार दिन से कुछ समझ नहीं आ रहा, कोशिश भी करता हूं लेकिन कुछ गड़बड़ हो जाती है। इस पर पापा ने मुझे कहा कि सुबह नहाकर रोजाना भगवान का पूजन करो और फिर पढ़ाई करो। मैं इस बात को आज भी फोलो करता हूं। मुझे ध्यान लगाने में सहायता मिली, मेरा मन लगने लगा। हो सकता है आपकी समस्या का आपके परिजन कुछ अलग तरीके से समाधान बताएं लेकिन ये तय है कि आपकी समस्या का समाधान उनके पास है, क्योंकि वो आपको अच्छी तरह से जानते हैं कि आप किस परिस्थिति में क्या कर सकते हैं।
एक स्टूडेंट के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मत कहो कि टाइम नहीं मिलता। हमें 10-15 मिनट का टाइम कभी भी मिल सकता है, ये हम पर निर्भर करता है कि हम सोशल मीडिया को टाइम देना चाहते हैं या माता-पिता से बात करने को प्राथमिकता देते हैं। समय निकालकर माता-पिता से बात करने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लो।

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