
कांग्रेस ने संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ के नारे को भी अभी नहीं छोड़ा है। अब उसके हाथ में भाजपा नेता गृहमंत्री अमित शाह ने एक और बड़ा मुद्दा दे दिया। अंबेडकर का मुद्दा कांग्रेस के संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ के मुद्दे को और अधिक धारदार और ताकतवर बनाएगा क्योंकि कांग्रेस अब बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान बचाओ संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ का मुद्दा लेकर जनता के बीच पहुंचेगी।
-देवेंद्र यादव-

गृहमंत्री अमित शाह के डॉ अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार को इंडिया गठबंधन ने घेर लिया है। शाह के द्वारा राज्यसभा में दिया गया बयान भारतीय जनता पार्टी और सरकार पर कितना भारी पड़ जाएगा यह भाजपा के रणनीतिकारों ने सोचा नहीं था।
शायद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को चिंता इस बात की है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले से ही संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ का नारा बुलंद कर रहे हैं और इस नारे से भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत भी हासिल नहीं कर पाई और वह केवल 240 सीटों पर सिमट कर रह गई। कांग्रेस केंद्र की सत्ता में वापसी तो नहीं कर सकी लेकिन कांग्रेस ने संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ के नारे को भी अभी नहीं छोड़ा है। अब उसके हाथ में भाजपा नेता गृहमंत्री अमित शाह ने एक और बड़ा मुद्दा दे दिया। अंबेडकर का मुद्दा कांग्रेस के संविधान बचाओ आरक्षण बचाओ के मुद्दे को और अधिक धारदार और ताकतवर बनाएगा क्योंकि कांग्रेस अब बाबा साहब अंबेडकर का सम्मान बचाओ संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ का मुद्दा लेकर जनता के बीच पहुंचेगी।
कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन ने बुधवार 18 दिसंबर को संसद से लेकर सड़क तक अमित शाह के बयान का जबरदस्त विरोध किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह के बचाव में सामने आए और अमित शाह ने अपने बचाव में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कांग्रेस मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमित शाह के बचाव में उतरना और अमित शाह का प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देना बताता है कि मुद्दा कितना गंभीर है। मगर बड़ा सवाल यह है कि क्या इस मुद्दे पर देश के दलित आदिवासी और पिछड़ी जातियों के संगठन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के घटक दलों के साथ खड़े होंगे ? क्या एनडीए सरकार में शामिल दलित, पिछड़ा और आदिवासी नेता भी विरोध में उतरेंगे या गृहमंत्री अमित शाह का बचाव करेंगे ?
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन घोषणा कर चुके हैं कि वह अंबेडकर के सम्मान के मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे एक दलित नेता हैं। पुरानी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जिनका प्रभाव भी दलित आदिवासी और पिछड़ी जातियों में गहरा है। इसकी झलक 2024 के लोकसभा चुनाव में दिखाई दी, जब उन्होंने संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ का अभियान छेड़ कर भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर मजबूर किया।
अब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को चिंता सता रही है कि अंबेडकर का मुद्दा देश के दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग को एकजुट ना कर दे। कांग्रेस के पास एक बार फिर से बड़ा अवसर हाथ लगा है जब वह अपने खोए हुए पारंपरिक मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। क्योंकि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर दलितों के मसीहा है और देश का दलित उन्हें अपना भगवान मानते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)