
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आबकारी नीति मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ईडी को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह मंजूरी दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा सिफारिश किए जाने के एक महीने बाद दी है। उपराज्यपाल ने कहा था कि आबकारी नीति मामले में केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए ईडी को मंजूरी दी जानी चाहिए।
ईडी ने केजरीवाल और सिसोदिया पर मुकदमा चलाने के लिए आवेदन दिया था। ईडी के अधिकारी मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे थे और कुछ दिन पहले दोनों पर मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मिल गई। अधिकारियों के अनुसार, ईडी ने 3 दिसंबर को केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी और मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखा।
केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को ईडी ने गिरफ्तार किया था, क्योंकि वे नौ समन के बाद भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। ईडी ने उनसे पूछताछ की और केंद्रीय एजेंसी द्वारा यह पाए जाने के बाद कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ईडी मामले में 12 जुलाई को और सीबीआई मामले में उसी वर्ष 13 सितंबर को जमानत दे दी थी। उन्होंने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को और ईडी ने 12 दिन बाद गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 9 अगस्त, 2024 को यह कहते हुए जमानत दे दी कि निकट भविष्य में मुकदमे के समाप्त होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।