
-जनवादी लेखक संघ का जिला सम्मेलन संपन्न
कोटा। जनवादी लेखक संघ की जिला इकाई का सम्मेलन रविवार को नयापुरा स्थित राजस्थान सेल्स एंड मेडिकल रिप्रजेंटेटिव यूनियन सभागार में गरिमा के साथ आयोजित हुआ। उद्घाटन सत्र में “मजदूर–किसान : सृजन के सरोकार” विषय पर विचार-विमर्श हुआ। किसान सभा के प्रांतीय उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा ने कहा कि बढ़ते पूंजीवादी कानूनों ने किसानों की स्थिति बद से बदतर कर दी है। उन्होंने लेखकों से आह्वान किया कि वे किसानों की पीड़ा को अपनी लेखनी से अभिव्यक्त करें।

आरएमएसआरयू के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गालव ने चेताया कि वर्तमान श्रम कानून मजदूरों को आज़ादी से पहले की स्थिति में पहुँचा देंगे। मुख्य वक्ता, जलेस के प्रांतीय संरक्षक व जनकवि बृजेन्द्र कौशिक ने कहा — “लेखक इंसान का निर्माण करने वाला मजदूर होता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि विचारवान साहित्यकार हर जोखिम उठाकर जीवन के संघर्षों को महसूस करे और उन्हें जीवंत शब्दों में ढाले। उनके अनुसार, मजदूर और किसान एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अंतिम सत्र में डॉ. उदयमणि के संचालन में हिंदी, उर्दू और राजस्थानी की कवि गोष्ठी हुई, जिसमें हंसराज चौधरी, डॉ. योगेन्द्र मणि, नागेन्द्र कुमावत, आरसी आदित्य, मयंक सोलंकी, आनंद हजारी, कपिल मणि, उमर सीआईडी, सीमा तबस्सुम, हरिमोहन शर्मा और महावीर जैन ने कविताओं व ग़ज़लों के माध्यम से जातिवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर एकता व अखंडता का संदेश दिया। सम्मेलन का समापन जिला सचिव हंसराज चौधरी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

















