
बारां। शाहबाद घाटी संरक्षण संघर्ष समिति बारां, भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां,दिया फाउंडेशन और वृक्ष मित्र फाउंडेशन समेत आम जनता द्वारा शाहबाद संरक्षित वन अभ्यारण्य क्षेत्र मे लगे लाखों पेड़ों को बचाने के लिए किए जा रहे आंदोलन में विभिन्न संस्थाओं संगठनों के साथ साथ अब साधु संत भी जंगल बचाने की मांग को लेकर खुले तौर पर उतर आए हैं।
देश भर में 1 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लेकर निकले पर्यावरण संरक्षक 108 आचार्य मुनि प्रज्ञा सागर जी,भागवत वेदांती संत प्रिया शरण दास जी के बाद अब संत प्रदीप शास्त्री जी ने कहा कि ” शाहबाद के जंगल हम सभी लोगों की अमानत है जिसमें असंख्य जीव जन्तु निवास करते हैं।जंगल काटने से जहां क्षेत्र का प्राकृतिक पर्यटन नष्ट हो जाएगा वहीं प्राकृतिक सन्तुलन बिगड़ने से आस पास के लोगों को प्रकृति के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।”
कोटा के सोमेश्वर महादेव मंदिर में सैकड़ों श्रोताओं को शाहबाद का सुरम्य जंगल बचाने का संकल्प कराते हुए उन्होंने अपने सभी श्रद्धालुओं का आव्हान करते हुए उन्होंने सभी लोगों से इस आंदोलन में सहयोग करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि ” जो लोग इस जंगल को बचाने में मदद कर रहे हैं और इसके लिए सहयोग प्रदान करने में आगे आए हैं वे एक तरह से पुण्य का काम कर रहे हैं।”
देश भर के पर्यावरण प्रेमियों, बुद्धिजीवियों और प्रदेश के संरक्षण विदों से समर्थन मिलने के बाद आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। प्रज्ञा सागर जी महाराज के बारां विहार और शाहबाद यात्रा के लिए समिति के संरक्षक प्रशांत पाटनी कुन्जेड द्वारा बारां के जैन समाज और समाज के सभी प्रमुख लोगों से सम्पर्क साधा जा रहा है।इसके अलावा इस समिति के सदस्यों द्वारा अन्य संतों को भी इस बारे में जानकारी दी जा रही है ताकि उनका भी समर्थन मिल सके ।
ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद को हाइड्रो पावर प्लांट लगाने हेतु शाहबाद जंगल में वन विभाग के माध्यम से 119759 पेड़ों को काटे जाने की अनुमति दे दी गई है जबकि मैग्सेसे अवॉर्ड प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण संरक्षण विद डॉ राजेंद्र सिंह वाटर मेन और राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता रॉबिन सिंह की टीम द्वारा शाहबाद जंगल में किए गए सर्वे के अनुसार इन पेड़ों की संख्या लगभग 25 से 28 लाख बताई गई है।