उपांग ललिता व्रत आज

-राजेन्द्र गुप्ता
************************
ललिता व्रत, जिसे ललिता पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह व्रत हर साल शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन, यानी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। देवी ललिता को त्रिपुर सुंदरी, षोडशी और राजेश्वरी नामों से भी जाना जाता है। इन्हें सौंदर्य, शक्ति और सौभाग्य की देवी माना जाता है। यह व्रत मुख्यतः गुजरात और महाराष्ट्र में प्रचलित है। इस दिन भक्त उपवास रखकर देवी की पूजा करते हैं। वर्ष 2025 में उपांग ललिता व्रत शुक्रवार, 26 सितंबर को मनाया जाएगा।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी ललिता, कामदेव के शरीर की राख से उत्पन्न राक्षस भण्ड का वध करने के लिए प्रकट हुई थीं। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। यह व्रत नवविवाहित महिलाओं के लिए और उनके परिवार की सुख-शांति के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से ज्ञान, सौभाग्य, दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त
================
पंचमी तिथि आरंभ 26 सितंबर 2025, सुबह 09:33 बजे से शुरू होगी वहीं पंचमी तिथि समाप्त 27 सितंबर 2025, दोपहर 12:03 बजे है। अभिजीत मुहूर्त11:48 बजे से दोपहर 12:36 बजे तक है।
परंपरा और पूजा विधि
=================
स्नान और संकल्प: उपांग ललिता व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद देवी ललिता की पूजा और व्रत का संकल्प लें।
 स्थापना: पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर देवी ललिता की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
पूजा: देवी को लाल रंग के फूल, लाल वस्त्र, रोली, कुमकुम, अक्षत और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।
 पाठ और जाप: इस दिन ‘ललिता सहस्त्रनाम’ और ‘ललिता त्रिशती’ का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नमः’ मंत्र का जाप करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments