संकष्ट चतुर्थी व्रत आज

-राजेन्द्र गुप्ता
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चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन जातक गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। पंचांग के अनुसार हर मास में दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। हर महीने पड़ने वाली चतुर्थी तिथियों के अलग अलग नाम हैं, जिनमें से ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदन्त संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
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एकदन्त संकष्टी चतुर्थी ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी।
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2025, शुक्रवार को पड़ रही है।
चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ 16 मई 2025, शुक्रवार को प्रातः 04 बजकर 02 मिनट पर होगा ।
वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 17 मई 2025, शनिवार को प्रातः 05 बजकर 13 मिनट पर होगा।
इस दिन चंद्रोदय रात 10 बजकर 34 मिनट पर होगा।
क्या है संकष्टी चतुर्थी? महत्त्व जानें
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संकष्टी चतुर्थी का व्रत प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। बुद्धि एवं विवेक के देवता गणेश जी को समर्पित यह व्रत समस्त कष्टों को हरने वाला और धर्म, अर्थ, मोक्ष, विद्या, धन व आरोग्य प्रदान करने वाला है।
शास्त्रों में भी कहा गया है कि जब मन संकटों से घिरा महसूस करें, तो संकष्टी चतुर्थी का अद्भुत फल देने वाला व्रत करें, और भगवान गणपति को प्रसन्न कर मनचाहे फल की कामना करें।
क्यों मनाई जाती है संकष्टी चतुर्थी ?
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इस दिन गणेश भगवान की पूजा का विधान है। संकष्ट का अर्थ है कष्ट या विपत्ति। शास्‍त्रों के अनुसार संकष्‍टी चतुर्थी के दिन व्रत करने से सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्‍त होती है। इस दिन माताएं गणेश चौथ का व्रत करके अपनी संतान की दीर्घायु और कष्‍टों के निवारण के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।
संकष्टी चतुर्थी पूजा सामग्री
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रिद्धि सिद्धि और बुद्धि के देवता भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए हर माह लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजन किया जाता है। ज्यादातर महिलाएं इस पूजा को अपनी संतान की सलामती और परिवार में सुख समृद्धि की कामना के साथ करती है।
संकष्टी चतुर्थी की पूजा में सम्पूर्ण और सटीक पूजा सामग्री का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी से आपकी पूजा सफल होगी। इसीलिए इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं संकष्टी चतुर्थी पूजा की सामग्री, जो कुछ इस प्रकार है –
चौकी
गणपति जी की प्रतिमा या तस्वीर
लाल वस्त्र
ताम्बे का कलश
गंगाजल मिश्रित जल
घी का दीपक
हल्दी- कुमकुम
अक्षत
चन्दन
मौली या जनेऊ
तिल
तिल-गुड़ के लड्डू
लाल फूल
दूर्वा
पुष्प माला
धुप
कर्पूर
दक्षिणा
-फल या नारियल
संकष्टी चतुर्थी व्रत न करने वाले लोग कैसे पाएं आशीर्वाद
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भगवान गणेश को प्रसन्न करने का सबसे पावन अवसर संकष्टी चतुर्थी आने वाली है और बप्पा के सभी भक्तों के लिए यह दिन किसी उत्सव के समान ही होता है। कई बार भाग दौड़ भरे इस जीवन में व्यस्तता, स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं और कई अन्य कारणों से इस मंगलकारी व्रत को विधि-विधान से कर पाना संभव नहीं हो पाता। लेकिन आप बिल्कुल भी चिंता न करें, हम आज आपको बताएंगे कि संकष्टी चतुर्थी पर व्रत न कर पाने वाले भक्त और किस प्रकार बप्पा का आशीष प्राप्त कर सकते हैं।
मंदिर में करें प्रार्थना
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अगर आप घर पर भी किसी भी प्रकार से पूजा करने में असमर्थ हैं तो आप निकटम गणेश जी के मंदिर में भी जाकर उनके सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना कर सकते हैं। संभव हो पाए तो आप मंदिर में भी भोग और दक्षिणा चढ़ा सकते हैं। आप सच्चे मन से अगर प्रार्थना करेंगे तो गणपति जी अवश्य आप पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखेंगे।
ऊँ गं गणपतये नम: का करें जाप
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‘ऊँ गं गणपतये नम:’ यह पवित्र मंत्र भी आपको भगवान गणेश जी की कृपा का भागीदार बना सकता है। आप चाहें तो इसके जाप अपने घर में पूजन स्थल पर कर सकते हैं या फिर किसी भी साफ जगह पर शांत मन से भगवान को सच्चे मन से याद करते हुए इस मंत्र का जाप 101 या 1001 बार सकते हैं।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
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