मैं हार नहीं मानता…

whatsapp image 2024 06 06 at 15.42.11

-मौलिक की प्रेरक कहानी… कैंसर हुआ, 23 कीमोथैरेपी, 31 रेडिएशन फ्रेक्शन के बाद नीट में 715 अंक

-बीमारी के कारण एक साल बोर्ड और नीट परीक्षाएं छूटी

-एलन स्टूडेंट मौलिक पटेल अब बनना चाहता है ऑंकोलॉजिस्ट

जिंदगी में जो कुछ भी हो, मैं हार नहीं मानता… हौसला होना जरूरी है, जीत के लिए सोचेंगे तभी जीतेंगे। 2022 में मेरे जीवन में एक तूफान आया, यह इतना भयानक था कि शायद जिंदगीभर भूला नहीं सकूंगा। मैं परिवार का सिंगल चाइल्ड हूं। झटका बहुत बड़ा था। सिलसिला यूरीनेशन के समय दर्द से शुरू हुआ। सोनोग्राफी में ट्यूमर और बायोप्सी जांच में कैंसर सामने आया। तब कक्षा 11 में था, इसके बाद जो इलाज का सिलसिला शुरू हुआ तो इस वर्ष अप्रैल में खत्म हुआ। मैं पॉजिटिव था और मुझे आगे बढ़ना था। पहले कैंसर को हराया और फिर परीक्षाएं दी।

ये कहना है एलन स्टूडेंट मौलिक पटेल का, जिसने बीमारी से जूझते हुए बोर्ड और नीट परीक्षा क्रेक की। हाल ही में नीट रिजल्ट में मौलिक ने 720 में से 715 अंक प्राप्त किए। वहीं महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड में 94.67 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। अब मौलिक कैंसर मरीजों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए ऑंकोलॉजिस्ट बनना चाहता है। मौलिक का परिवार मुम्बई में घाटकोपर निवासी है।

मई 2022 में मौलिक के शरीर में बदलाव आने शुरु हो गए। कमजोरी महसूस करने लगा। यूरीनेशन के समय दर्द के अलावा बुखार भी रहने लगा। मैं इन सबको लक्षणों को सामान्य समझ रहा था। हॉस्टल में रहता था तो स्थिति के बारे में रूममेट ने परिजनों को सूचित किया। डॉक्टरों को दिखाया। सोनोग्राफी एवं अन्य जांचों के बाद सामने आया यूरीनेशन ब्लैडर के पास एक ट्यूमर है, जोकि 10 सेंटीमीटर का था। सीटी स्कैन एवं बायोप्सी के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसे ‘सरकोमा’ है। जो कि एक तरह का कैंसर है। परिवार को झटका लगा। क्योंकि मैं सिंगल चाइल्ड हूं और इतनी कम उम्र में कोई कैसे इतनी भयंकर बीमारी से पीड़ित हो सकता है।

मौलिक ने बताया कि अप्रैल में कैंसर मुक्त घोषित कर दिया तो मैंने एलन में टेस्ट देने की अनुमति देने के लिए बात की। इस दौरान 12वीं के एग्जाम में शामिल हुआ, जितने भी मेजर टेस्ट थे, वो भी नियमित दे रहा था। मैंने ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए। अब मैं केवीएम हॉस्पिटल मुंबई से एमबीबीएस करना चाहता हूं और अंकोलॉजिस्ट बनना चाहता हूं।

दो बार सर्जरी हुई, 12वीं की परीक्षा नहीं दी
मौलिक ने बताया कि मेरी जून 2022 में सर्जरी हुई थी। मुझे कैंसर का पता था लेकिन ये नहीं पता था कि इसका ऑपरेशन इतना बड़ा था। डॉक्टरों ने आशंका जताई कि यूरीनेरी ब्लैडर निकालना पड़ सकता है। सिर्फ इसी बात की डर था कि कहीं ऐसा नहीं हो जाए लेकिन, ऑपरेशन में डॉक्टरों ने ब्लैडर नहीं निकाला। इसके बाद कीमोथैरेपी की शुरुआत हुई। जिसमें रोजाना 3-4 घंटे लगते थे। साइड इफेक्ट भी थे। कब्ज रहती थी, सिर के बाल तक उड़ गए थे। अक्टूबर 2022 तक कीमोथैरेपी के तीन सेशन हो चुके थे। इसके बाद डॉक्टरों ने फिर से चैकअप किया, जिसमें चार सेंटीमीटर का ट्यूमर अब भी था। डॉक्टरों ने कीमोथैरेपी की डोज बदली, जो कि दिसंबर तक चला। इस दौरान मैंने अक्टूबर और नवंबर में एलन के टेस्ट भी दिए थे। जनवरी में डॉक्टरों ने फिर जांच की तो ट्यूमर फिर से बढ़कर 16 सेंटीमीटर का हो गया था। यूरीनेशन के दौरान दर्द हो रहा था। जनवरी 2023 में डॉक्टरों ने फिर से सर्जरी प्लान की। इसी दौरान 12वीं की परीक्षा में प्रेक्टिकल देने का समय आ गया लेकिन स्थिति सही नहीं थी इसलिए मैंने 12वीं बोर्ड एवं नीट परीक्षा दोनों ही नहीं दी।
—–
दूसरी सर्जरी में भी पूरा ट्यूमर नहीं निकला
डॉक्टरों ने दूसरी सर्जरी के बाद फरवरी में चैकअप किया तो सामने आया कि अब भी ट्यूमर 10 सेंटीमीटर का बचा हुआ था। डॉक्टरों ने निर्णय लिया कि इतने बड़े ट्यूमर पर रेडिएशन नहीं दे सकते इसलिए कीमोथैरेपी का बोला। कुल 31 रेडिएशन जुलाई 2023 तक हो चुके थे। नवंबर 2023 के दूसरे सप्ताह में फिर टेस्ट कराया तो साइज और ज्यादा छोटा हो गया था। दिसंबर 2023 तक दवाइयां बंद हो चुकी थी। इस पूरे इलाज के दौरान मैं रोजाना ऑनलाइन पढ़ाई करता था। हॉस्पिटल में कई बार तीन से चार घंटे इंतजार करना पड़ता था लेकिन, इस दौरान भी मैं जैसे-तैसे पढ़ाई नियमित करता रहता था।

स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणा
हम मौलिक के हौसले को सेल्युट करते हैं, उसके परिवार की हिम्मत भी बड़ी है। हिम्मत से हर काम संभव है, यह मौलिक ने बता दिया। मौलिक देशभर के स्टूडेंट्स के लिए एक उदाहरण है, जो लगातार जीतना सिखाता है। मौलिक को सफलता पर बधाई। – डॉ.बृजेश माहेश्वरी, निदेशक, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments