किसानों की जमीनों पर डकैती कर रही है सरकारें

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-हाडोती किसान यूनियन के ग्राम स्वराज सम्मेलन में बोले योगेंद्र यादव

कोटा । जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक विचारक योगेंद्र यादव ने कहा है कि सरकारें किसानों की जमीनों पर डकैती कर चुकी है और यह खेल चारों तरफ से कहीं उद्योग के नाम पर तो कहीं विकास के नाम पर सुरक्षा के नाम पर हो रहा है। जल जंगल और खेती की जमीन छीनी जा रही है । किसानों के पास बचा जमीन का न्यूनतम टुकड़ा भी नहीं छोड़ा जा रहा। भूमि अधिकरण बिल एवं कृषि संशोधन बिल वापस लेने के बाद केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों के माध्यम से पिछले दरवाजे से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करवाए जा रहे हैं। आज के वातावरण में खेती किसानी और गांव कल्पना से बाहर जा रहे हैं । उन्होंने सवाल किया कि क्या खेती के कारण लोगों का पोषण नहीं होता। गांव खेती से ही नहीं चल रहे अपितु हस्तशिल्प वह गृह उद्योग कुटीर उद्योग के केंद्र गांव रहे हैं। हमें खेती की जमीन के साथ गांव के कौशल को भी बचाना होगा। ग्राम स्वराज का उल्टा काम सरकारों द्वारा किया जा रहा है। गांधीवादी विचारक योगेंद्र यादव ने कहा कि संविधान के बुनियादी मूल्यों पर हमला हो रहा है जो की राष्ट्रीय चिंता का विषय है। यूरोप और पश्चिम के मॉडल में कंपनियां खेती करती है और इसी प्रकार की व्यवस्था हमारे देश में होने लगी है। देश भर के तमाम किसान संगठन एक हुए और कृषि संशोधन बिलों को वापस लेना पड़ा। उन्होंने बताया कि कोटा में भी विकास प्राधिकरण गठित किया जाने वाला है जिसमें लगभग 300 गांव समाप्त कर दिए जाएंगे ।

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हाडोती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने ग्राम स्वराज की अवधारणा को महात्मा गांधी के चिंतन से जोड़ते हुए कहा कि सरकार इसका एकदम उलट कर रही है। किसान यूनियन प्राधिकरण बिल को वापस लेने के लिए जन आंदोलन खड़ा करेगी। इसके लिए कोटा और बूंदी जिले के किसानों को जागृत किया जा रहा है। सर्व सेवा संघ के किसान नेता चंदनपाल कहां कि सरकारी चाहती है कि आम जनता बुनियादी मुद्दों पर चर्चा ना करें। संविधान की मूल बातें न्याय सहनशीलता बंधुता और ग्राम स्वराज ही है। वर्तमान में पंचायती राज व्यवस्था गांधी जी का स्वराज नहीं है अतः लोगों को सजग हो जाना चाहिए। राजस्थान समग्र सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष सवाई सिंह ने कहा कि गांधी जी ने गांव को देश की आत्मा बताया था लेकिन दुर्भाग्य से आज देश आजाद है लेकिन हम गुलाम हैं। शहरीकरण को बढ़ाने का विचार गांधीजी का नहीं हो सकता। राष्ट्रीय किसान नेता विजय भाई ने कहा कि केंद्रीकृत व्यवस्था से देश निरंकुशता की ओर जा रहा है। जन अधिकार के बजाय अब कर्तव्यों की बात की जाने लगी है। जमीनों पर कब्जे को बढ़ाने वाला वन अधिकार कानून पास हो गया है। खेती और किसानी को कॉरपोरेट सेक्टर के हवाले कर दिया जाएगा। 25ः क्षेत्र को वन परिभाषा से बाहर कर दिया गया है। ग्रेटर नोएडा केे किसान नेता सुनील सिंह फौजी ने कहा कि नोएडा के 360 गांव की जमीन ने अधिकृत कर ली है और वहां बहु मंजिला इमारतें तैयार हो गई। किसानों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। हरियाणा के किसान नेता डीके शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रारंभ में गांधीवादी विचारक नरेश विजयवर्गीय ने गांधी जी के ग्राम स्वराज की अवधारणा को विस्तार से बताया। समाजसेवी इंजीनियर अजय चतुर्वेदी ने आगंतुक किसान प्रतिनिधियों एवं पर्यावरण प्रेमियों का आभार जताया। मंच संचालन पर्यावरणविद बृजेश विजयवर्गीय ने किया। कार्यक्रम में अर्थशास्त्री प्रोफेसर गोपाल सिंह, शिक्षाविद डॉक्टर गोपाल धाकड़, इंटेक्स के कन्वीनर निखिलेश सेठी, इंडिया अगेंस्ट करप्शन के विजय पालीवाल , भारत स्वाभिमान आंदोलन के गिरिराज गुप्ता, चंबल सांसद एवं राष्ट्रीय जल बिरादरी के प्रतिनिधियों समेत समेत अनेक गणमान्य लोग एवं शिक्षा किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया
-योगेंद्र यादव से मिले विधायक भरत सिंह

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ग्राम स्वराज सभा सभा के स्थल पर सांगोद के विधायक एवं वरिष्ठ नेता भरत सिंह ने गांधीवादी विचारक योगेंद्र यादव से मिलकर कोटा विकास प्राधिकरण के कारण होने वाले गांव के अधिकारों के हनन को लेकर विस्तार से विचार विमर्श किया। उल्लेखनीय है कि योगेंद्र यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समय राहुल गांधी से जुड़ गए थे।

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श्रीराम पाण्डेय कोटा
श्रीराम पाण्डेय कोटा
2 years ago

देश के नैशनल हाइवे के दोनों छोर पर ,कृषि भूमि में,जगह जगह पेट्रोल पंप, ढाबे,होटल रेस्टोरेंट खुला गए हैं.इस कृषि भूमि को किसानों ने अच्छे दामों में बेचा है. इस पर सरकार अथवा किसी भी एजेंसी का दबाव नहीं है. इसलिए उद्योगों के नाम पर कृषि भूमि का जबरन अधिग्रहण , किसान नेताओं का कथन सही नहीं है.