-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। आजादी के अमृत महोत्सव के इस अभियान की श्रंखला में 14 अगस्त को पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत की स्वाभिमान तिरंगा रैली में बड़ीसंख्या में लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। शहीद स्मारक से रवाना हुई इस रैली में लोग वाहन के साथ पैदल ही नाचते गाते चलते रहे और झण्डे लहराते हुए ‘भारत माता की जय’ के नारों से आकाश को गुंजायमान कर दिया।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए भवानी सिंह राजावत ने कहा कि भले ही 1947 में हमें आजादी मिली लेकिन हमें उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। यह संविधान निर्माताओं की भूल थी कि जब भारत से अलग होकर पाकिस्तान इस्लामिक देश बना तो भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जाना चाहिए था लेकिन महात्मा गांधी के सलाहकार जवाहर लाल नेहरू थे जिनकी बदौलत ही भारत खंडित हुआ, भले ही देश आजाद हो गया हो लेकिन उसके बाद भी 50 साल तक कांग्रेस के शासन में देश गुलाम ही रहा, लोग पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा के लिए तरसते रहे और विकास पर प्रतिबंध लगा रहा। प्रदेश में ही आधारभूत ढांचे की स्थिति यह थी कि बरसात के मौसम में हाडोती, शेखावाटी, मारवाड़, मेवाड़, ढूंढाड सम्भाग एक दूसरे से कट जाते थे। हाडोती में ही चम्बल, काली सिंध, परवन, पार्वती, मेज आदि नदियों के प्रवाह से जनजीवन अलग-थलग पड़ जाता था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के शासन में चम्बल पर 5 पुलियायें और अन्य नदियों पर 1-1 किलोमीटर लम्बी पुलियायें बनने के बाद वर्षा ऋतु में आवागमन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी हजारों गांव अंधेरे में डूबे हुए थे, 50-50 गांवों के बीच एक स्वास्थ्य केन्द्र था, शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को 10-15 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था लेकिन अब देश की तकदीर और तस्वीर बदल गई है, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हट गई है, लोगों के बरसों के त्याग और तपस्या के बाद राम मंदिर का निर्माण पूरा होने वाला है, कश्मीर की छुटपुट घटनाओं के अलावा देश में आतंकवाद का सफाया हो गया है, वर्षों तक आतंकवाद के दंश झेलने के बाद अब मोदी के शासन में एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक से बांबी में ही सांपों का फन कुचला जाने लगा है। कुल मिलाकर देशवासियों को अब असली आजादी का अहसास होने लगा है।
तिरंगा रैली में मण्डाना मण्डल अध्यक्ष हुकमचन्द शर्मा, ताथेड़ मण्डल अध्यक्ष नेमीचन्द नागर, रंगपुर सरपंच बालचन्द मालव, किशनपुरा तकिया सरपंच गुरूशरण आकोदिया, पूर्व जिला महामंत्री हेमराज नागर, युवा मोर्चा जिला संयोजक जयराज सिंह हाडा, जिला संयोजक अभिषेक मीणा, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रह्लाद पंवार, पूर्व जिलाप्रमुख गोविन्द सिंह परमार, पूर्व जिला उपाध्यक्ष राकेश मिश्रा, किसान मोर्चा जिला महामंत्री महावीर सुमन, मालव समाज के अध्यक्ष रमेश मालव, मण्डल अध्यक्ष कान सिंह, युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष गिरिराज गौतम, सरपंच संजीत गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य सोनू नागर, पूर्व जिलाध्यक्ष महेश विजय, मण्डल महामंत्री नवल मेघवाल, गाडिया लुहार समाज के घासी लुहार, युवा मोर्चा मण्डल अध्यक्ष आदित्य पाठक आदि प्रमुख थे।
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