
-भाजपा अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी की एक जनसभा में की गई अमर्यादित टिप्पणी के मामले में राज्यपाल से कार्रवाई की मांग
-कृष्ण बलदेव हाडा-
राजस्थान में कोटा संभाग के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष की पुलिस के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी के मसले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में राज्य सरकार से भाजपा अध्यक्ष खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी ने एक जनसभा में पुलिस के खिलाफ सार्वजनिक रूप से जो टिप्पणी की है, वह पुलिसकर्मियों का मनोबल तोड़ने वाली साबित हो सकती है और निश्चित रूप से ऐसी टिप्पणियों का पुलिस के जवानों की मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ता है और उनका मनोबल गिरता है जिसका अच्छे नतीजे नहीं होते। ऐसे मामलों को राज्य सरकार को गंभीरता से लेते हुए ऐसे अमर्यादित टिप्पणी करने वाले भाजपा नेता के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए।
राजस्थान सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी कल्याण संस्थान से जुड़े कोटा शहर, कोटा ग्रामीण बूंदी, बारां और झालावाड़ के सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों ने संभागीय अध्यक्ष नवनीत महर्षि की अगुवाई में गुरूवार को कोटा में जिला कलक्ट्री तक जुलुस निकाल कर जिला कलक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति,राजस्थान के राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किया जिसमें श्री जोशी के विरुद्ध प्रभावी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि पार्टी अध्यक्ष एवं निर्वाचित एक जनप्रतिनिधि के रूप में श्री जोशी की पुलिस के विरुद्ध की गई लज्जाजनक टिप्पणी कठोर शब्दों में भर्त्सना योग्य है। समाज के रक्षक और सजग प्रहरी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर मिथ्य आरोपों लगा कर उनको कलंकित किए जाने का प्रदेश ही नहीं अपितु संपूर्ण देशवासियों को विरोध करना चाहिए। उन्होंने श्री जोशी के पुलिस संरक्षण प्राप्त एक राजनेता होने के बावजूद पुलिस के विरोध में दिये गए बयान को अत्यंत हास्यास्पद करार दिया।
राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने गए पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह बड़ी हास्यास्पद स्थिति पैदा करने वाली बात है कि एक तरफ जो राजनेता अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस की मदद ले रहा है वही दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों और जवानों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां करके उनके मनोबल को गिराने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में आम जनता की सुरक्षा से मुख्य रूप से सारोकार रखने वाली पुलिस ऐसे राजनेताओं की सुरक्षा कैसे कर सकती है? यदि ऎसे राजनीतिक दलों के नेताओं को पुलिस क्षमताओं पर अविश्वास है तो उन्हें पुलिस से सुरक्षा भी मांगने का कोई हक नहीं है।