
-महेन्द्र नेह-

ग्रेटर कोटा प्रेस क्लब द्वारा आयोजित इस कवि समागम को कई मायनों में महत्वपूर्ण कहा जा सकता है . पहला यह कि इसे नगर के प्रतिनिधि पत्रकारों की संस्था ग्रेटर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित किया गया .दूसरा यह कि इसमें नगर के उन कवियों को आमंत्रित किया गया जो न केवल राष्ट्रीय मंचीय कवि सम्मेलनों में अपितु अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों में भी शामिल होते हैं . यह अवश्य है कि संख्या की सीमाओं के कारण कुछ महत्वपूर्ण कवि शामिल न होसके .
इस आयोजन ने पत्रकारिता और साहित्य के बीच कमजोर होते जा रहे रिश्ते को पुख्ता करने की दिशा में एक अच्छी पहल की है . अधिकांश कवियों ने व्यावसायिक मंचों की बंदिशों से हट कर मुक्त रूप से वे कविताएँ पढ़ीं जो , देश के आम आदमी की वर्तमान दुर्दशा और पीड़ाओं को अभिव्यक्त करती हैं . जहां प्रेम है तो उसका फलक बहुत विस्तृत है . आपसी भाईचारे को मज़बूत करने वाली कविताओं -गीतों -ग़ज़लों को विशेष रूप से सराहा गया .
इस आयोजन की एक और उल्लेखनीय खूबी यह है कि ग्रेटर प्रेस क्लब कोटा संभाग के उन स्वतंत्र और श्रमजीवी पत्रकारों का संगठन है जो राजस्थान के निजी पत्रकारिता उद्योग के समानांतर पत्रकारिता के मानकों को आज भी ज़िंदा रखने की भरपूर कोशिशें करते हैं और पत्रकारों की निजी समस्याओं को सुलझाने की जिम्मेदारी भी निभाते हैं . यही कारण है कि निजी पत्रकारिता उद्योगों में सेवा रत अधिकांश पत्रकार इस विशाल संगठन में शामिल न हो पाने के लिए विवश हैं .
इस पहल के लिए ग्रेटर प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुनील माथुर और उनकी टीम को एवं अपनी शिक्षण संस्था एम. डी. मिशन ग्रुप ऑफ एज्युकेशन के चेयरमेन राम कुमार दाधीच द्वारा दिए गए सहयोग की सराहना की जानी चाहिए . उम्मीद है कि स्वतंत्र और सामाजिक प्रश्नों के प्रति सांझा समझदारी की यह स्वागतयोग्य पहल आगे भी अधिक सार्थक जिम्मेदारियां निभाएगी .
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