
-देवेंद्र यादव-

कब के बिछड़े हुए हम आज कहां आके मिले। रविवार 25 अगस्त को, राहुल गांधी की वोटर का अधिकार यात्रा में वह तस्वीर देखने को मिली। लंबे समय से राजनीतिक गलियारों और मीडिया के भीतर सस्पेंस बना हुआ था, जब राहुल गांधी की यात्रा पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के लोकसभा क्षेत्र पूर्णिया पहुंची तब राजद नेता तेजस्वी यादव और पप्पू यादव एक दूसरे के गले मिलते नजर आए। इस तस्वीर को देखने के लिए राजनीतिक पंडित और विश्लेषक बेताब थे। संषय था कि क्या कभी पप्पू यादव और तेजस्वी यादव गले मिलेंगे, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कराया। उसके बाद पप्पू यादव ने कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय किया। तब तेजस्वी यादव ने पूर्णिया की लोकसभा सीट को कांग्रेस को देने से मना कर दिया। अपना उम्मीदवार उतार दिया। पप्पू यादव पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। तभी से पप्पू यादव और तेजस्वी यादव के बीच में राजनीतिक मनमुटाव चल रहा था।

2024 का लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद, बिहार में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार की कमान सीधे अपने हाथों में ली। वह इस बीच छात्र नेता कन्हैया कुमार की पलायन रोको रोजगार दो यात्रा में भी शामिल हुए और चुनाव आयोग द्वारा बिहार में कराई गई एसआईआर के विरोध में बिहार में चक्का जाम का भी राहुल गांधी ने नेतृत्व किया। लेकिन राहुल गांधी के प्रोग्राम में पप्पू यादव की मौजूदगी तो नजर आई मगर, ऐसा लगा जैसे राहुल गांधी पप्पू यादव को इग्नोर कर रहे हैं। उसकी वजह यह सुनाई दी कि पप्पू यादव को तेजस्वी यादव पसंद नहीं करते हैं। पप्पू यादव का बिहार में राजनीतिक वजूद है। इसके कारण तेजस्वी यादव को डर था कि कहीं राहुल गांधी पप्पू यादव को बिहार में उनके मुकाबले में लाकर खड़ा नहीं कर दें। इस बीच पप्पू यादव इंतजार करते रहे कि राहुल गांधी बिहार में एक दिन उन्हें गले लगाएंगे। वह दिन 24 अगस्त को देखने को मिला जब पप्पू यादव को न केवल राहुल गांधी बल्कि तेजस्वी यादव ने भी गले लगाया। मगर सवाल यह है कि क्या दोनों यादव आगामी विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के लिए काम करते नजर आएंगे। यह तो 1 सितंबर को राहुल गांधी की यात्रा समाप्ति के बाद विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे के बाद पता चलेगा। राहुल गांधी की वोटर का अधिकार यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसका प्रभाव बिहार से अलग हुए राज्य झारखंड में भी देखने को मिल रहा है। सीमावर्ती राज्य झारखंड के कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता इस यात्रा को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं। बिहार में राहुल गांधी की यात्रा को सफल बनाने के लिए, काबिना मंत्री इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सहित विधायक और कार्यकर्ता भी जुटे हुए हैं। खबर तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी यात्रा में शामिल होने की सुनाई दे रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड के कांग्रेस नेताओं का भी प्रभाव देखने को मिलेगा, खासकर इरफान अंसारी जैसे मजबूत अल्पसंख्यक नेताओं का। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से इरफान अंसारी की सौहार्दपूर्ण मुलाकात भी इस दरमियान हुई है। कुल मिलाकर नजर तेजस्वी यादव और पप्पू यादव की मुलाकात पर है। दोनों नेताओं की मुलाकात इंडिया गठबंधन को आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ा लाभ पहुंचाएगी। मगर यह मुलाकात स्थाई रहे। यह तेजस्वी यादव पर निर्भर है क्योंकि पप्पू यादव ने तो बड़ा दिल दिखाते हुए मंच से तेजस्वी यादव को बिहार का जन नायक बता दिया। अब गेंद तेजस्वी यादव के पाले में है। वह भी पप्पू यादव को लेकर बड़ा दिल दिखाते हैं या नहीं इसका सभी को इंतजार है।
देवेंद्र यादव, कोटा राजस्थान,मोबाइल नंबर 9829678916
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)