
-देवेंद्र यादव-

महिला कांग्रेस संगठन के पुर्नगठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान सहित छह राज्यों में महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों को बदल दिया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्रियों और राष्ट्रीय प्रभारी की मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में 19 फरवरी को महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक के तुरंत बाद मैंने अपने ब्लॉग में लिखा था यदि कांग्रेस को ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर मजबूत करना है तो पार्टी को उसके अग्रिम संगठन महिला कांग्रेस और सेवादल को मजबूत करना होगा और मजबूत नेतृत्व के हाथों में संगठन की कमान देनी होगी।
मैंने लिखा था कि महिलाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस कारण देश की महिलाओं का आकर्षण कांग्रेस से अधिक भारतीय जनता पार्टी के प्रति है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस हाई कमान को महिला कांग्रेस के संगठन को मजबूत करना होगा। हाई कमान ने अब इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है और अपने महिला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों को बदल दिया है। कांग्रेस की नेता श्रीमती सोनिया गांधी अक्सर महिला सशक्तिकरण की बात करती हैं और देश में महिला आरक्षण की पुरजोर आवाज उठाती हैं, मगर जब कांग्रेस के भीतर देखा जाता है तो कांग्रेस का महिला संगठन कमजोर दिखाई देता है। इसकी वजह राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर महिला कांग्रेस का नेतृत्व उन महिलाओं के हाथों में जो कार्यकर्ता कम नेता अधिक हैं। पता नहीं महिला कांग्रेस के भीतर भी सदस्यता अभियान चलाया जाता है या नहीं, क्योंकि ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर जब भी कांग्रेस के द्वारा कोई आयोजन होता है तो उसमें चुनिंदा महिलाएं ही उपस्थिति रहती हैं। वे भी वह हैं जिनके पास संगठन में पद हैं। कार्यकर्ता तो नजर ही नहीं आते हैं।
ऐसा ही बदलाव कांग्रेस को कांग्रेस सेवादल में भी करना होगा। कांग्रेस सेवादल राजस्थान के अलावा और किसी प्रदेश में अधिक मजबूत नजर नहीं आती है। पूरे देश में पार्टी हाई कमान को सेवा दल को मजबूत करना होगा और इसके लिए सेवादल का राष्ट्रीय अध्यक्ष शुद्ध सेवादल पृष्ठभूमि का होना चाहिए। ऐसा अध्यक्ष जो सेवा दल की पृष्ठभूमि को समझे और सेवा दल के माध्यम से कांग्रेस की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएं।
कांग्रेस को जिला और प्रदेश स्तर पर ऐसी महिलाओं को पदों पर प्रोत्साहित करना चाहिए जो समाज में महिलाओं के लिए उत्कर्ष कार्य कर रही हैं और उनकी महिलाओं के बीच बड़ी पहचान है।
कांग्रेस विचारधारा की ऐसी महिलाएं भी मौजूद है जो डॉक्टर हैं वकील हैं और इंजीनियर हैं। जिनकी जनता के बीच पहचान है मगर कांग्रेस उन्हें पहचान नहीं पा रही है। ऐसी महिलाओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए। 19 फरवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस की आईडियोलॉजी रखने वाले लोग विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस का साथ चट्टान की तरह खड़ा होकर दे रहे हैं हमें उन्हें प्रोत्साहित करना होगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं)