
-देवेंद्र यादव-

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के उत्थान की नीतियों के प्रभाव में जनता ही नहीं बल्कि अब दलितों के नेता और जनप्रतिनिधि भी प्रभावित होते दिखाई देने लगे हैं।
आम आदमी पार्टी के़े दलित नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र गौतम शुक्रवार 6 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो गए। राजेंद्र गौतम ने कांग्रेस की सदस्यता लेते हुए पत्रकारों से कहा कि वह राहुल गांधी की दलित प्रेम और दलित उत्थान की नीतियों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।
राजेंद्र गौतम के कांग्रेस में शामिल होने से राजनीतिक गलियांरो को एक संदेश यह भी मिला की कांग्रेस का परंपरिक वोटर राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के द्वारा दलितों के उत्थान के लिए बनाई गई नीतियों के कारण दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के मतदाता वापस कांग्रेस की तरफ आकर्षित हो रहा है।
लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की लगातार हार का कारण उसके पारंपरिक दलित, आदिवासी और पिछड़ी जातियों के वोट का अन्य पार्टियों में शिफ्ट होना है।
कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान क्षेत्रीय दलों के कारण हुआ। कांग्रेस के परंपरिक वोटर देश के विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय दलों में शिफ्ट हुआ इस कारण, उन राज्यों में क्षेत्रीय दलों ने अपनी सरकार बनाई या क्षेत्रीय दल मजबूत हुए और कांग्रेस कमजोर हुई। इसका फायदा भाजपा को देश के आम चुनाव में मिला। कांग्रेस का पारंपरिक वोट कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों में बंट गया और भारतीय जनता पार्टी का वोट बैंक स्थिर रहा जिससे भाजपा ने लगातार तीसरी बार केन्द्र में अपनी सरकार बनाई।
कांग्रेस खासकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर मंथन और चिंतन कर रणनीति बनाई, और अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक मामलातों के कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी के राजू और अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश लिलोठिया के नेतृत्व में देश भर में लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन और संविधान रक्षक का अभियान चलाया। इस अभियान का ही परिणाम है कि आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र गौतम कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए।
गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता के राजू, के नेतृत्व में लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन और संविधान की रक्षा का अभियान देश भर में चल रहा है। इस अभियान का प्रभाव भी दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के लोगों में देखा जा रहा है। इस वर्ग के लोग कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ देखते हुए नजर आ रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार है।)