
-दोनों पक्ष अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए जी जान से जुटे
-राजनीतिक दलों ने लगाए आरोप प्रत्यारोप
-विष्णुदेव मंडल-

(चेन्नई निवासी स्वतंत्र पत्रकार)
चेन्नई। कांग्रेस विधायक तिरुमहान एबरा के देहांत के बाद खाली हुई ईरोड पूर्व विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधित्व के लिए हो रहे उपचुनाव का प्रचार प्रसार आज शाम थम जाएगा।
दोनों द्रविड़ दलों के लिए यह जीत बेहद महत्वपूर्ण है इसलिए यह चुनाव दिलचस्प हो चुका है। जहां सत्ताधारी दल डीएमके और उनके सहयोगी कांग्रेस और अन्य पार्टियां ने इस सीट को पुनः जीतने के लिए पुरी ताकत झोंक दी है, वहीं एआईएडीएमके नेता केएस तेनअरसु जो ईरोड विधानसभा क्षेत्र के दो बार विधायक रहे इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए हैं। सत्ताधारी डीएमके की तरफ से तमिलनाडु सरकार के दर्जनों मंत्री चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं वही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन उनके सुपुत्र उदयनिधि स्टालिन भी इस सीट पर जम कर पसीना बहा रहे हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शुक्रवार को ईरोड पहुंचे थे जो आज ईरोड के विभिन्न इलाकों में कांग्रेस प्रत्याशी ईवीकेएस इलांगोवन के लिए प्रचार में हिस्सा लेंगे। फिल्म अभिनेता कमल हसन भी कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में ईरोड पूर्व विधानसभा क्षेत्र में खुलकर प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं।
एआईएडीएमके के अंतरिम महासचिव पलनीस्वामी भी इस चुनाव में अपने पार्टी को जिताने के लिए डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं। पलनीस्वामी का आरोप है कि मौजूदा डीएमके सरकार मतदाताओं को जहां एक तरफ प्रलोभन दे रही है वहीं धनबल के साथ वही धमका भी रही है। पूर्व मुख्यमंत्री पलनीस्वामी का आरोप है कि तमिलनाडु कैबिनेट के सभी मत्री अलग-अलग इलाकों में कुकर,साड़ियां एवं पैसे बांट रहे हैं। चुनाव आयोग को बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी इस पर रोक नहीं लग रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी एवं डीएमके नेता पलनीस्वामी के आरोप को सिरे से खारिज कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ईवीकेएस इलांगोवन का कहना है कि हम भारी मतों से चुनाव जीत रहे हैं। हार के डर से एआईएडीएमके के नेताओं कांग्रेस पार्टी और डीएमके गठबंधन पर आरोप लगा रहे हैं। हमारा मुकाबला किसी से नहीं है। बीसीके नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री जी के बासन ने भी डीएमके नेताओं द्वारा रिश्वत बांटे जाने की शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज कराई है। वही स्वतंत्र उम्मीदवार कन्नन जो वकील भी है मद्रास हाईकोर्ट में तमिलनाडु सरकार द्वारा वोट के बदले नोट की याचिका लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है।
यहां उल्लेखनीय है की पिछले कई दिनों से ईरोड पूर्व विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के बीच बांटी जा रही सामग्रियों का वीडियो सोशल साइट पर वायरल हुआ है, कुछ टीवी चैनलों ने भी ईरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में हो रहे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में खबर चलाई है।
चुनाव आयोग को चुनाव आचार संहिता के खिलाफ 725 शिकायतें मिली है जिनमें से 75 शिकायतें दर्ज कर ली गई है। जिनमें 41 शिकायतों की पुष्टि उड़नदस्ते की टीम ने भी की है।
बहरहाल चुनाव में वोट के बदले नोट की पुष्टि नहीं हुई है। वैसे तो जीत के दावे दोनों गठबंधन कर रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला मतदाताओं को करना है। यहाँ यदि कांग्रेस की जीत होगी तो यह माना जाएगा की सरकार सही दिशा में काम कर रही है, यदि चुनाव में जीत एआईएडीएमके की होगी तो यह माना जाएगा की सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी है।