हरियाणा में अब मतदान पांच अक्टूबर और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी

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-राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठन की मांग पर चुनाव आयोग ने बदली तिथियां

-राजेन्द्र सिंह जादौन-

चंडीगढ़। भारतीय चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठन की मांग पर हरियाणा में चुनाव की तिथियां बदल दी है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान एक अक्टूबर के स्थान पर 5 अक्टूबर को होगा और 8 अक्टूबर को मतगणना होगी। पहले मतदान की तारीख 1 अक्टूबर और मतगणना 4 अक्टूबर को रखी गई थी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने मतदान तिथि से पहले और बाद में सप्ताहांत और अन्य छुट्टियों का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को बताया था कि इसके चलते लोग छुट्टियां मनाने बाहर जायेंगे। इस कारण मतदान प्रतिशत घटेगा।बडोली ने आयोग को भेजे पत्र में चुनाव तिथियां बदलने की मांग की थी। दूसरी ओर बिश्नोई समाज ने भी मुकाम में आयोजित किए जाने वाले आसोज मेले का हवाला देते हुए चुनाव तिथि में बदलाव को मांग की थी। इंडियन नेशनल लोकदल ने भी चुनाव तारीख बढ़ाने की मांग की थी।हालांकि जेजेपी और कांग्रेस नेताओ ने चुनाव तिथि न बदलने की मांग की थी।
इन मांगों पर विचार के लिए चुनाव आयोग ने मीटिंग की थी लेकिन तुरंत कोई फैसला नहीं दिया गया था। हालांकि शनिवार शाम को चुनाव तारीख बदलने का ऐलान कर दिया गया। चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने पर आयोग ने कहा, ‘इस बारे में राष्ट्रीय और राज्य की राजनीतिक पार्टियों के अलावा, आल इंडिया बिश्नोई महासभा ने मांग की थी। जिसमें कहा गया कि इस दौरान भारी संख्या में बिश्नोई समुदाय के लोग हरियाणा से आसोज अमावस्या त्योहार में भाग लेने के लिए राजस्थान चले जाते हैं। इससे बड़ी संख्या में लोग वोट नहीं दे पाएंगे, जिससे मतदान प्रतिशत भी कम होगा।’
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बडोली ने पत्र में यह भी बताया कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। हरियाणा में बिश्नोई समाज की जनसंख्या अधिक है। इसका असर भी वोटिंग पर हो सकता है।
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। इसके अलावा चुनाव के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ-साथ चुनाव की तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा में मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने और मतदान प्रतिशत को अधिकतम करने के लिए मतदान की तारीख एक या दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए।
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर चुनाव की तिथि बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की तिथि बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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