महिला की याचिका पर दुष्यंत चौटाला के जीजा देवेंद्र कादियांन के डीएनए टेस्ट के आदेश

-राजेन्द्र सिंह जादौन-

चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जननायक जनता पार्टी नेता देवेंद्र कादियान के डीएनए टेस्ट का आदेश दिया है। एक महिला ने कादियान के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें महिला ने कहा कि उसके बेटे का पिता देवेंद्र कादियान है। हाईकोर्ट ने 27 अगस्त को यह आदेश जारी किए, जिसकी कॉपी अब सामने आई है।
देवेंद्र कादियान पानीपत के रहने वाले हैं। वह प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के जीजा हैं। इस आदेश के बाद न केवल कादियान विधानसभा चुनाव के बीच मुश्किलों में घिर गए हैं बल्कि यूपी-उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी की तरह विवादों में आ गए हैं। वहीं जेजेपी नेता ने कहा कि वह डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हैं। चुनाव के वक्त फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए रची यह राजनीतिक साजिश और पैसे ऐंठने का मामला है।
याचिका में महिला ने कहा कि देवेंद्र ने 16 अप्रैल 2003 को उससे कटरा में शादी की थी। शादी के 1 साल बाद तक वह पति-पत्नी की तरह गुरुग्राम में एक साथ रहे। जिसके बाद वे मुंबई चले गए। जहां वह गर्भवती हो गई। लगातार तनाव और दोनों के बीच झगड़े के चलते उसका गर्भपात भी हो गया।
महिला ने कहा कि 20 जून 2005 को हिसार में उसने उनके घर बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद देवेंद्र कादियान से कहा कि वह अपने माता-पिता को बच्चे के जन्म के बारे में सूचित कर दे। इस पर कादियान ने न केवल इससे इनकार कर दिया, बल्कि उसे गंभीर रूप से पीटा और घर से निकाल दिया।
महिला ने कहा कि देवेंद्र के घर से निकाले जाने के बाद उसने अपने बच्चे के साथ हिसार स्थित पैतृक घर में रहना शुरू कर दिया। यहां से देवेंद्र कादियान ने उससे बचना शुरू कर दिया। दोबारा उससे कभी नहीं मिला। महिला ने याचिका में कहा कि अलग होने के बाद उसने देवेंद्र कादियान को पानीपत स्थित उसके आवास पर पकड़ लिया। इसके बाद देवेंद्र फिर से उसके साथ रहने लगा। महिला ने बताया कि 2011 में देवेंद्र ने फिर उसे छोड़ दिया। वह देश से बाहर चला गया। 2014 में वह भारत लौटा। महिला तब अपने बच्चे के साथ अपने पैतृक घर में रह रही थी। इसके बाद उसने फिर देवेंद्र कादियान से संपर्क किया। इस बार देवेंद्र ने महिला के साथ कथित विवाह होने से इनकार करते हुए बच्चे को भी अपना न होने के बारे में कहा ।
इस मामले में देवेंद्र कादियान ने कहा कि महिला का हर बार इलेक्शन का काम है। पीछे लग जाते हैं। फेक डॉक्यूमेंट बनवाकर कोर्ट में डाल दिया और कोर्ट से आदेश करा लिए। हम भी इनके खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। मैं डीएनए टेस्ट के लिए तैयार हूं।
कोर्ट ने कहा है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। झूठे डॉक्यूमेंट्स से रची यह राजनीतिक साजिश है। यह मामला 2002 से चल रहा है। हर बार चुनाव नजदीक आता है तो यही काम होता है। यह पैसे ऐंठने का मामला है। कानूनी तौर पर जो भी होगा देखेंगे।
देवेंद्र कादियान के पिता स्व. सतबीर सिंह कादियान इनेलो राज में इफ्को के चेयरमैन और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रहे हैं। देवेंद्र कादियान ने 2019 का विधानसभा चुनाव जजपा के टिकट पर लड़ा था और भाजपा के पंचायत एवं सहकारिता मंत्री महिपाल ढांडा को कड़ी टक्कर दी थी। उन्होंने यहां से करीब 47,500 वोट लिए थे।
भाजपा के कोटे में जाते देख देवेंद्र कादियान ने कांग्रेस के गढ़ समालखा विधानसभा में मैदान तैयार किया। इन साढ़े चार साल में वे समालखा के साथ पानीपत ग्रामीण विधानसभा में लगातार सक्रिय रहे। पार्टी ने उनको प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी दी और कई जिलों के प्रभारी भी रहे।
देवेंद्र कादियान का अपना बिजनेस है और वे खेती भी संभालते हैं। उनकी शिक्षा बीए और एलएलबी है। उन्होंने 1998 में कॉलेज छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की। वे इनसो के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम करते थे। 2004 में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव की तैयारी की थी, लेकिन चुनाव नहीं हो पाए।उनके पिता सतबीर सिंह कादियान और मां बिमला कादियान ने इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा है। सतबीर सिंह कादियान चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)

Advertisement
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments