
-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल एक ओर जहां प्रदेश के तीसरे सबसे बड़े शहर कोटा में चौबीसों घंटे जलापूर्ति करने की लोगों की उम्मीदें पूरी करने में जुटे हैं, वहीं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईड़ी) इन उम्मीदों पर पानी देने पर आमादा है। कोटा शहर में ऐसे कई इलाके हैं जहां के रहने वाले हजारों लोग इन दिनों पीने के पानी की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसके निस्तारण के लिए विभागीय कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह हालात तो तब है जबकि कोटा में कुल 330 एमएलडी पानी की क्षमता के जलशोधन संयंत्र लगे हुए हैं, जिनमें से अकेलगढ़ प्लांट की क्षमता 200 एमएलडी जबकि सकतपुरा प्लांट की क्षमता 130 एमएलडी है।
जलदाय विभाग के पास घिसा-पिटा जवाब
इस बार कोटा में मानसून की मूसलाधार वर्षा न केवल कोटा शहर के निचले और जलभराव वाले क्षेत्रों में कहर बनकर टूटी बल्कि उनकी वजह से शहर के कई सघन आबादी वाले क्षेत्रों में पीने के पानी के संकट के रूप में सामने आया है और कोटा में दो बड़े जल शोधन संयंत्र होने के बावजूद जलदाय विभाग के पास हर साल की तरह इस बार भी घिसा-पिटा जवाब है कि क्योंकि जलग्रहण क्षेत्र में पानी की आवक के कारण चंबल नदी के पानी में सामान्य से कई गुना अधिक मिट्टी घुल जाने के कारण दोनों दोनों जलशोधन संयंत्र अपनी पूर्ण क्षमता से नहीं चल पा रहे हैं इसलिए कम मात्रा में जल आपूर्ति किए जाने के कारण कोटा की कई इलाकों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हुई है लेकिन जल्दी ही समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
पानी की आपूर्ति में कटौती
कोटा के पुराने सघन आबादी वाले क्षेत्र छावनी, रामचंद्रपुरा, कोटड़ी, गोरधनपुरा, कंसुआ, प्रेम नगर, इंदिरा गांधी नगर, संजय गांधी नगर आदि का एक बड़ा इलाका इन दिनों पीने के पानी की आपूर्ति में कटौती का सामना कर रहा है जिसके कारण इन इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोटड़ी- गोरधनपुरा में पीने के पानी की किल्लत के विरोध में आज पार्षद शानू कश्यप के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोगों ने जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रति नाराजगी जताते हुए कोटड़ी चौराहे पर प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया जिसके कारण शहर के इस व्यस्ततम चौराहे पर आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा।
व्यथा बताने जाते हैं तो लौटा दिया जाता है
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पिछले करीब 10 दिनों से पीने के पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही है। इससे कारण लोगों को होने वाली परेशानियों का अनुमान लगाया जा सकता है। समस्या झेल रहे लोग जब जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शॉपिंग सेंटर स्थित कार्यालय व दादाबाड़ी में अतिरिक्त मुख्य अभियंता के कार्यालय में अपनी व्यथा बताने जाते हैं तो उन्हें यह कह कर लौटा दिया जाता है कि एक-दो घंटे में जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। यह लोग पिछले 10 दिनों से इस गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं लेकिन विभाग यहां के लोगों को पीने का पानी उपलब्ध करवा पाने में विफल साबित हुआ है। कोटड़ी के उत्तेजित लोगों के रास्ता जाम कर दिए जाने के कारण उन्हें हटाने के लिए थाना पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा और उत्तेजित लोगों को शांत किया। इसके बाद भी जलदाय विभाग के सहायक अभियंता को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने पुलिस की मौजूदगी में शाम तक पेयजल आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया। इसके बाद भीड़ ने जाम हटाया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सामान्य नहीं की गई तो रविवार को फिर से जाम लगा दिया जाएगा। स्थानीय लोग अनिश्चितकाल के लिए सड़कों पर लेट जाएंगे।
कमोबेश यही हालात वार्ड 63 में
छावनी के वार्ड संख्या 63 में भी पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के कमोबेश यही हालात वार्ड 63 में है जहां सुबह-शाम कुछ समय के लिए ही पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। साथ ही पेयजल आपूर्ति भी इतने कम दबाव से की जा रही है कि यहां रहने वाले लोगों के अपनी आवश्यकता के अनुरूप संग्रहण करने से पहले ही जलापूर्ति बंद हो जाती है। इसके बारे में स्थानीय पार्षद से लेकर जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
पानी की समुचित व्यवस्था नहीं की
पटरी पार के क्षेत्र जेके फ़ैक्ट्री के सामने, प्रेम नगर में कोटा नगर विकास न्यास ने बहुमंजिला इमारतें बनाकर उन्हें लोगों का आवंटित भी कर दिया, लेकिन वहां आज तक पानी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। ऊपरी मंजिल के फ्लैट में रहने वाले लोग इस समस्या से पीड़ित है। औद्योगिक क्षेत्रों की ही अन्य सघन आबादी वाले क्षेत्रों इंदिरा गांधी नगर, कंसुआ के लोग भी पेयजल संकट का लगातार सामना करते आ रहे हैं। प्रेम नगर ,कंसुआ, इंदिरा गांधी नगर के लोग तो कई बार पीने की पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन समस्या पूर्ववत बरकरार है। इसी तरह विज्ञान नगर क्षेत्र के संजय गांधी नगर के इलाके में एक तरफ़ जहां बारिश के मौसम में बाढ़ का पानी भरने की समस्या रहती है वही दूसरी तरफ़ यह लोग पीने के पानी का सामना करते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तम्भकार हैं)