justice uu lalit

नई दिल्ली । न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री इस समारोह में शामिल हुए। निवर्तमान मुख्य न्यायाधीष एन वी रमना भी इस मौके पर मौजूद थे। देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा। वे इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। न्यायमूर्ति ललित सुप्रीम कोर्ट के वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले देश के दूसरे न्यायाधीश हैं। न्यायाधीश ललित को 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। तब वह वरिष्ठ अधिवक्ता थे।
शपथ ग्रहण से एक दिन पहले शुक्रवार को निवर्तमान सीजेआई एन वी रमना के विदाई समारोह में न्यायमूर्ति ललित ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि कम से कम एक संविधान पीठ उच्चतम न्यायालय में पूरे साल कार्य करे। इसके अलावा अन्य दो क्षेत्र जिन पर वह काम करना चाहते है, उनमें शीर्ष अदालत में सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करना और जरूरी मामलों का उल्लेख करना शामिल है।
न्यायमूर्ति ललित ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपने 90 वर्षीय पिता और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश उमेश रंगनाथ ललित समेत परिवार के अन्य बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। न्यायमूर्ति ललित के दादा भी पेशे से वकील थे। उनका परिवार मूलतः महाराष्ट्र के सोलापुर का रहने वाला है। उनके पिता ने सोलापुर से अपनी वकालत शुरू की थी। बाद में वे मुंबई हाईकोर्ट के जज बने।

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