
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन की शानदार जीत के बाद प्रदेश में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव नतीजों के पांच दिन बाद भी गठबंधन ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर कोई फैसला नहीं लिया है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और निवर्तमान उपमुख्यमंत्री क्रमशरू भाजपा और राकांपा के देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ गुरुवार को बैठक में भाग लेंगे, जहां इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के फैसले को समर्थन देने की घोषणा की। शिवसेना नेताओं के कई दिनों तक राजनीतिक बयानबाजी के बाद, एकनाथ शिंदे ने कल घोषणा की कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के फैसले का समर्थन करेगी। चुनाव आयोग ने रविवार (24 नवंबर) को महाराष्ट्र के राज्यपाल को विधानसभा चुनावों में निर्वाचित उम्मीदवारों के नामों के साथ अपनी अधिसूचना और सरकारी राजपत्र पेश किया, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया कि राज्य में सरकार गठन में समय लग सकता है।
महायुति गठबंधन ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय सदन में 230 सीटें जीतीं। भाजपा को 132 सीटें मिलीं, जो महायुति के सभी घटकों में सबसे अधिक है। शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं।
भाजपा ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन राज्य में पार्टी के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस दौड़ में सबसे आगे हैं। नागपुर दक्षिण.पश्चिम के विधायक को इस चुनाव में महायुति की जीत के प्रमुख वास्तुकारों में से एक माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा मुख्यमंत्री पद की भरपाई के लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को तीन बड़ेे विभागों सहित मंत्रिपरिषद में 12 पद देगी। महायुति गठबंधन में तीसरे दल अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को कैबिनेट में नौ सीटें मिल सकती हैं। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। भाजपा के आधे यानी करीब 22 अपने पास रखने की संभावना है। शिंद को तीन प्रमुख मंत्रालय शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग और जल संसाधन मिलने की संभावना है।