राहुल गांधी ने गणेश मंदिर में दर्शन कर दरा स्टेशन से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की

राहुल गांधी का काफिला जिस मार्ग से गुजर रहा था, वहां कई स्थानों पर सुबह से ही सड़क के दोनों और लोगों का हुजूम लगा हुआ था। वैसे तो रास्ते में श्री राहुल गांधी अपने साथ सुबह से ही चल रहे लोगों के साथ बातचीत करते नजर आए लेकिन बीच-बीच में वे हाथ हिला कर या हाथ जोड़कर उन लोगों का स्वागत-अभिनंदन करते नजर आए जो इनकी यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे थे

-कृष्ण बलदेव हाडा-

kbs hada
कृष्ण बलदेव हाडा

दरा। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज अल सुबह से कोटा जिले में दरा स्टेशन के पास से शुरू हो गई। अपनी यात्रा शुरू करने से पहले श्री राहुल गांधी ने दरा स्टेशन के पास गणेश मंदिर में दर्शन किए और उसके बाद यात्रा पर निकल पड़े।
श्री राहुल गांधी का काफिला जिस मार्ग से गुजर रहा था, वहां कई स्थानों पर सुबह से ही सड़क के दोनों और लोगों का हुजूम लगा हुआ था। वैसे तो रास्ते में श्री राहुल गांधी अपने साथ सुबह से ही चल रहे लोगों के साथ बातचीत करते नजर आए लेकिन बीच-बीच में वे हाथ हिला कर या हाथ जोड़कर उन लोगों का स्वागत-अभिनंदन करते नजर आए जो इनकी यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे थे। सुबह से ही राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट उनके साथ चल रहे हैं।
यात्रा में शामिल ज्यादातर लोग जहां गर्म कपड़े पहने नजर आए,वही श्री राहुल गांधी केवल आधी बांह की सफ़ेद शर्ट पहने चल रहे थे। श्री सचिन पायलट काली नेहरू जैकेट पहने थे तो श्री ड़ोटासरा ने गले में मफ़लर लपेट रखा था। कई जगह तो उनके चलने की रफ्तार इतनी तेज थी कि उनके साथ कदम ताल मिलाने के लिए कुछ लोगों को तो लगभग दौड़ना पड़ा।
रास्ते में उनके स्वागत के लिए कुछ लोक कलाकार भी आए जिन्होंने रंग-बिरंगे परिधान पहने थे और राजस्थानी साफा धारण किए हुए थे। उनके हाथों में वाद्ययंत्र थे। इन कलाकार के साथ एक बाल कलाकार भी था।
जिसे श्री राहुल गांधी ने सिर पर हाथ रखकर दुलारा और उसके कंधे पर हाथ रख कर अपने साथ लेकर कुछ देर तक चलते रहे।
इसके पहले अपनीे पड़ाव स्थल पर रात्रि विश्राम के बाद श्री राहुल गांधी ने कारों के काफिले से चलकर दरा की नाल शुरू हेने से पहले रेलवे पुलिया के नीचे से दरा अभयारण्य क्षेत्र में प्रवेश किया और दरा अभयारण्य इलाके को कार से ही पार कर दरा स्टेशन पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही पहुंचे थे। अभयारण्य क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण और भारी आवागमन की एक साथ मना ही होने के कारण पहले से ही यह व्यवस्था रखी हुई थी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं)

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