kota barish

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा,22 अगस्त। राजस्थान के कोटा में कोटा बैराज से आज 4 लाख 19 हजार क्यूसेक पानी की निकासी प्रारंभ कर दी गई है।  जिला प्रशासन ने नदी के तटीय बस्तियों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का आग्रह किया है।
इस बीच कोटा शहर के विभिन्न आवासीय क्षेत्रों से डेढ़ हजार लोगों को बाढ़ के पानी से घिर जाने के कारण सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है जबकि पास ही के कैथून नगर में एक हजार लोगों को जलभराव इलाके वाली बस्तियों में पानी से घिर जाने के कारण आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया है। कोटा जिले में सुल्तानपुर क्षेत्र के मोहम्मद पुरा गांव के सभी 1300 लोगों को पास ही के मांगीहेड़ी गांव के सरकारी स्कूल में बनाए गए आश्रय स्थल पर लाया गया है क्योंकि पूरा गांव पानी से बुरी तरह से घिर गया है जिसके कारण वहां संकटपूर्ण स्थिति की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन ने नौकाओं के साथ बचाव दल को मौका पर भेज कर वहां फंसे लोगों को बाहर निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पंहुचाया।

जल ग्रहण क्षेत्र में पानी की जबरदस्त आवक

आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि चम्बल नदी पर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर बांध से निरंतर पानी की निकासी और जल ग्रहण क्षेत्र में पानी की जबरदस्त आवक होने के कारण अब कोटा बैराज के 16 गेट खोलकर 4.19 लाख क्यूसैक पानी की निकासी की जा रही है कोटा बैराज से जल निकासी की वजह से चंबल नदी की डाउनस्ट्रीम की कुछ बस्तियों में पानी घुस जाने व बैराज से पानी की निकासी और बढाये जाने की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने वहां रह रहे लोगों को बस्ती छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा है। जिला कलेक्टर ओपी बुनकर, पुलिस अधीक्षक (शहर) केसर सिंह शेखावत में आज पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के दल के साथ चंबल नदी के तट पर बसी बस्तियों बालिता, बापू, बस्ती, गांवड़ी, नंदा की बाड़ी आदि क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के हालात का जायजा लेने के बाद वहां रह रहे लोगों से नजदीकी आश्रय स्थलों पर जाने का आग्रह किया। इस दौरान अतिरिक्त कलक्टर (शहर) बृजमोहन बैरवा, कोटा नगर निगम (उत्तर) के आयुक्त वासुदेव माला व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) प्रवीण जैन भी साथ थे।

प्रभावित लोगों के लिए आश्रय स्थल बनाए

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन ने अतिवृष्टि से प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखने के लिए कोटा शहर के कई सरकारी-निजी विद्यालयों और अन्य सरकारी इमारतों में आश्रय स्थल बनाए हैं। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने इन आश्रय स्थलों में रहने के लिए आने वाले लोगों के लिए भोजन-पानी,रोशनी आदि के पुख्ता प्रबंध के प्रशासनिक अधिकारी को निर्देश दिए हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने कोटा नगर निगम उत्तर क्षेत्र की थेकड़ा स्थित तिरुपति आवास कॉलोनी में पानी भर जाने और वहां रह रहे बड़ी संख्या में लोगों के घरों में ही घिर जाने की सूचना मिलने के बाद आज दोपहर से बोट के जरिए लोगों को बाहर निकाला व सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया। किसी अप्रिय घटना की आशंका के कारण कुछ इलाकों में विद्युत आपूर्ति रोकी गई है।

पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित

गांधी सागर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण चंबल नदी के पानी में मिट्टी के घुलने से कोटा शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि कोटा के अकेलगढ़ व सकतपुरा स्थित दोनों जलशोधन संयंत्रों की स्वच्छ पानी उत्पादन क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ा हैा पानी के तेज आवेग के कारण इन दोनों जल शोधन संयंत्रों के पंपों की सुरक्षा से भी पेयजल आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। कुछ पम्पों को बाहर निकाला गया है। पूरे कोटा शहर में आज कम दबाव से जलापूर्ति की जा रही है। कोटा शहर के कुछ इलाकों में तो आज बहुत कम दबाव के साथ पानी आने के कारण लोगों को पीने के पानी के जुगाड़ के लिए अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने कल ही कोटा में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के प्रभावित होने की चेतावनी देते हुए लोगों से अपने घरों में जलसंग्रह करने का आग्रह किया था।

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