
-ए एच जैदी

(नेचर प्रमोटर)
कोटा। भीषण गर्मी में वन विभाग ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (MHTR) में वन्य जीवों और पक्षियों के लिए पानी के क्या इंतजाम किए पता नहीं।
पूर्व में जब यहां जाने की इजाजत थी तब पर्यावरण, वन्य जीव प्रेमी विभाग को समस्याओं से पहले ही अवगत करा दिया करते थे। उसके बाद वन विभाग टैक्टर ट्रॉली के टैंकर से जहां आवश्यकता होती वहां प्रति दिन पानी भरवा देता था ताकि वन्य जीव गर्मियों में पीने के पानी के लिए नहीं भटकें। इनमें रावठा झामरा, गड्ढे का माला, बेवड़ा तलाई आदि ऐसे स्थल हैं जहां मोर, बंदर, हिरण समेत अन्य वन्य जीव प्यास बुझाते थे। जहां लक्ष्मी पूरा में कुएं में मोटर लगी है। सीमेंट के बने वाटर पौंड में पानी भरा रहता है।
इस पानी को दामोदर पुरा के मवेशी भी पीते हैं। यहां सांभर, चीतल, पैंथर, नीलगाय लोमड़ी, सियार, भेड़िया, खरगोश, नेवला आदि को पानी पीते देखा जाना आम है।

गर्मियों में सेठिया तलाई भी सूख जाती है। इसमें भी इस भीषण गर्मी में पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
शंभूपुरा के जंगल में भी पानी।की व्यवस्था हो क्योंकि वहां से निकलकर भालू रोड पार कर पानी की तलाश में भटकते हैं।
इस क्षेत्र में थर्मल तालाब में और जवाहर तालाब में जो भी पानी बचा है उससे वन्य जीव प्यास बुझा रहे हैं।