
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी माफी को खारिज करने और उनके खिलाफ मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के कुछ दिनों बाद, शुक्रवार 23 मई को एक और सार्वजनिक माफी जारी की और कर्नल सोफिया कुरैशी पर अपनी टिप्पणी को “भाषाई गलती” करार दिया। विजय शाह ने कहा कि मैं पहलगाम में पहले हुए भीषण नरसंहार से बहुत दुखी और व्यथित था। मेरे मन में हमेशा अपने देश के लिए अथाह प्रेम और भारतीय सेना के लिए सम्मान रहा है। मेरे द्वारा कहे गए शब्दों से समुदाय, धर्म और देशवासियों को ठेस पहुंची है, यह मेरी भाषाई गलती थी। श्री शाह ने एक्स पर एक वीडियो बयान में कहा कि मेरा इरादा किसी धर्म, जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाने या अपमानित करने का नहीं था। मैं अनजाने में कहे गए शब्दों के लिए पूरी भारतीय सेना, सिस्टर कर्नल सोफिया और सभी देशवासियों से ईमानदारी से माफी मांगता हूं और एक बार फिर हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। इससे पहले 20 मई को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था, ताकि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर शाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच की जा सके।
इस बीच, एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फिलहाल सबूत जुटा रही है। शाह को अभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है और जांच दल “अभी जांच के उस पहलू तक नहीं पहुंचा है”। 28 मई को होने वाली अगली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
राज्य के जनजातीय कार्य, लोक संपत्ति प्रबंधन और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री शाह 12 मई को इंदौर के निकट महू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए अपने बयान के बाद से आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस ने एसआईटी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारी अतीत में शाह के अधीन काम कर चुके हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या यह जांच शाह को बचाने के लिए एक अभियान है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने पहले पूछा था, “क्या सरकार सर्वोच्च न्यायालय को रिपोर्ट सौंपने के नाम पर लुका-छिपी का खेल खेल रही है?”