कोटा। हाड़ोती किसान यूनियन के महामंत्री एवं देश के प्रभावशाली 120से अधिक किसान संगठनों के समूह के राष्ट्रीय संयोजक दशरथ कुमार ने बताया कि राजस्थान के सहकारिता के क्षेत्र में स्थापित (1969-70) केशवराय पाटन सहकारी शुगर मिल लिमिटेड का 2002 तक लाभ हानि में पिराई सत्र सहकारिता के अंतर्गत राज्य सरकार के अधीन संचालित होता रहा जिसे 2003 अप्रैल में मंत्रीमंडलीय उप समिति कि रिपोर्ट के आधार पर सत्र संचालित नहीं कर शुगर मिल को अवसायक के अधीन किया गया। ऐसी स्थिति में मिल को पुनः संचालित करवाएं जाने के लिए क्षेत्र के विभिन्न किसान संगठनों, युवाओं एवं सकारात्मक सोच के जनप्रतिनिधियों की ओर से निरन्तर गांधी विचार पर आधारित अहिंसात्मक सत्याग्रह किए जाते रहे। जिसके कारण वर्तमान में केशवराय पाटन सहकारी शुगर मिल को संचालित किए जाने में आ रहीं सभी बाधाएं समाप्त हो चुकी है।

किसान नेता दशरथ कुमार ने कहा कि मंत्री मंडल उप समिति कि ओर से बताए सभी तथ्यों (आधार) का निराकरण किया जा चुका है जैसे कि केशवराय पाटन सहकारी शुगर मिल पर किसी भी प्रकार का कर्ज़ एवं देनदारी, श्रमिकों एवं कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान किया जा चुका एवं मिल के खाते में 35 करोड़ रूपए से अधिक की राशि एवं मिल संचालित होने के लिए प्लांट, भूमि सहित चार हजार से अधिक अंशधारी गन्ना उत्पादक किसानों की ओर से मिल संचालित किए जाने कि स्थिति में दो हजार मेट्रिक टन प्रति दिवस पिराई हेतु गन्ना उपलब्ध कराने के प्रतिबद्धता पत्र सुरक्षित हैं। दशरथ कुमार ने बताया कि नेशनल शुगर इंडस्ट्री फेडरेशन नई दिल्ली के तकनिकी सहलाकर समूह कि ओर से गत दिनों मिल परिसर में प्लांट में स्थित मशीनों एवं मिल परिसर क्षेत्र कि पांच विधानसभा क्षेत्रों के तीस हजार से अधिक किसान परिवारों एवं बेरोजगार युवाओं के चयनित सैकड़ों प्रमुख प्रतिनिधियों से गन्ना उत्पादन के संदर्भ में चर्चा कर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं सहित गन्ने के उत्पादन हेतु मौसम तथा मिट्टी कि जांच करने के बाद संयुक्त किसान समन्वय समिति केशवराय पाटन को प्रेषित रिपोर्ट में अवगत कराया कि केशवराय पाटन सहकारी शुगर मिल को पुनः संचालित किए जाने में किसी भी प्रकार की बाधाएं नहीं है। क्षेत्र के विकास के लिए एवं किसानों के हितों के लिए मिल को पुनः संचालित किया जाना आवश्यक है जिससे किसानों कि आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
हाड़ोती किसान यूनियन देश के गांधी विचार से प्रतिबद्ध विभिन्न किसान संगठनों को साथ लेकर क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों के किसान प्रतिनिधियों के साथ महात्मा गांधी की समाधि (राजघाट नई दिल्ली) पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन कर मिल को पुनः संचालित करवाएं जाने की घोषणा का आग्रह करेंगे।