टॉप आईआईटी बॉम्बे व हैदराबाद में ब्रांच चेंज के ऑप्शन बंद

– लोअर ब्रांच की एडमिशन कटऑफ बढ़ी

– 17 एनआईटी ने भी ब्रांच चेंज के ऑप्शन बंद किए

देश की टॉप आईआईटीज में एक साल की पढ़ाई के बाद मिलने वाले ब्रांच चेंज के ऑप्शन्स बंद होने लगे हैं। इसकी शुरुआत आईआईटी हैदराबाद ने की और इस वर्ष बॉम्बे और जम्मू ने भी यह ऑप्शन बंद कर दिया है। इस बदलाव के बाद अब आईआईटीज की लोअर ब्रांचेंज में एडमिशन कटऑफ अधिक रहने लगी है। गत वर्षों के मुकाबले 3 से 4 हजार आल इंडिया रैंक बढ़ गई है।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि हर वर्ष अच्छी रैंक वाले हजारों विद्यार्थी वर्ष 2012 एवं 2017 में खुली आईआईटीज की कोर ब्रांचेज की तुलना में की टॉप आईआईटीज की कोर ब्रांचेंज के अतिरिक्त लोअर ब्रांचेंज में प्रवेश को प्राथमिकता देते थे। इसका कारण यह था कि वे एक वर्ष की पढ़ाई के बाद ब्रांच अपग्रेड को टारगेट में रखते थे। यह ऑप्शन उपलब्ध होने के कारण एक साल में अपनी सीजीपीए के आधार ड्रीम ब्रांच में एडमिशन ले लेते थे। अब यह ऑप्शन देश की टॉप आईआईटीज बंद करने लगी है।
पूर्व में ब्रांच अपग्रेड का ऑप्शन उपलब्ध होने के कारण टॉप आईआईटीज की लोअर ब्रांचेज की कटऑफ काफी कम जाती थी, परन्तु अब टॉप आईआईटी बॉम्बे, हैदराबाद द्वारा ब्रांच चेंज के ऑप्शन को बंद करने के कारण विद्यार्थियों ने अन्य टॉप आईआईटी की लोअर ब्रांचेंज को प्राथमिकता में चुनने लगे हैं, इसके परिणाम स्वरूप आईआईटी बॉम्बे की एनर्जी, केमिकल, सिविल, मेटलर्जी, एनवायरमेंटल साइंस, एयरोस्पेस एवं केमेस्ट्री इंजीनियरिंग ब्रांचेज की कटऑफ में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष एनवायरमेंटल साइंस एण्ड इंजीनियरिंग ओपन कैटेगिरी में जेंडर न्यूट्रल कोटे से 5401 एवं बीएस कैमेस्ट्री 9064 रैंक पर क्लोज हुई, वहीं ओपन कैटेगरी में ही फीमेल पूल कोटे से यह ब्रांचेज क्रमशः 10623 एवं 14929 एआईआर पर क्लोज हुई। इस वर्ष कई ब्रांचेंज में एडमिशन कटऑफ में 3 से 4 हजार एआईआर की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में भविष्य में यदि इसी तरह से अन्य आईआईटी ब्रांच चेंज के ऑप्शन्स को बंद करती जाती हैं तो विद्यार्थी टॉप आईआईटीज की अन्य ब्रांचों के मुकाबले वर्ष 2012 में खुली आईआईटीज इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, पटना, रोपड, मंडी तथा 2017 में खुली पलक्कड़, धरवाड, तिरूपति, गोवा, भिलाई जैसी आईआईटी में कोर ब्रांचेंज को प्राथमिकता में चुनना शुरू कर सकते हैं।

दूसरी आईआईटीज को मिलेगी प्राथमिकता

आहूजा ने बताया कि कोर ब्रांच में एडमिशन की इच्छा रखने वाले विद्यार्थी ब्रांच चेंज का आप्शन मिलने का कारण टॉप आईआईटी की लोअर ब्रांच में प्रवेश ले लेते थे लेकिन अब आईआईटी बॉम्बे, हैदराबाद और जम्मू द्वारा यह ऑप्शन बंद करने के बाद दूसरी आईआईटीज में अच्छी रैंक वाले विद्यार्थी जाने लगेंगे। क्योंकि विद्यार्थियों को आईआईटीज की कोर ब्रांचेंज में अधिक रूचि रहती है। इसका बड़ा कारण कोर ब्रांचेज जैसे कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, एआई एवं डाटा साइंस, मैकेनिकल में जॉब ऑप्शन अधिक होना है। इसके साथ ही इन ब्रांच में कॅरियर अच्छा माना जाता है। इसीलिए विद्यार्थी कोर ब्रांचेज को नई आईआईटीज में प्राथमिकता देना प्रारंभ करते हैं।

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